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Navjot Singh Sidhu: जेल से बाहर आए सिद्धू ने राहुल गांधी के बारे में कह दी ऐसी बात, हो रही है चौतरफा चर्चा
Navjot Singh Sidhu: तानाशाही हो गई और जब कभी-भी तानाशाही हुई है, तो क्रांति हुई है और आज की तारीख में क्रांति का नाम राहुल गांधी है। सिद्धू ने कहा कि मैं संविधान को ग्रंथ मानता हूं, लेकिन अफसोस आज की तारीख में संविधान और संवैधानिक संस्थाएं गुलाम हो चुकी हैं।
नई दिल्ली। नवजोत सिंह सिद्धू आज से तीन दशक पुराने रोडरेज मामले में एक साल की सजा काटकर पटियाला जेल से बाहर आए हैं। उनकी रिहाई के मौके पर समर्थकों ने सिद्धू जिंदाबाद के नारे लगाए। उनके स्वागत में जगह-जगह पोस्टर बैनर लगाए गए। जगह-जगह लोग सिद्धू के इंतजार में खड़े दिखें। उधर, जैसे ही सिद्धू जेल से बाहर आए, तो उनके समर्थकों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं, सिद्धू ने भी कभी हाथ जोड़कर, तो कभी सिर झुकाकर सभी के अभिवादन को सहर्ष स्वीकार किया। उधर, सिद्धू जैसे ही जेल से बाहर आए, तो मीडियाकर्मियों में उनकी प्रतिक्रिया जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच गई। सभी यह जानने के लिए आतुर दिखें कि आखिर सिद्धू किन मसलों पर अपनी राय साझा करते हैं। तो आपको बता दें कि सिद्धू ने मीडिया से मुखातिब होने के दौरान जहां केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया, तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भी जमकर तारीफ की। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा।
राहुल पर क्या बोले सिद्धू
बता दें कि बीते दिनों सुरत की एक अदालत ने राहुल को मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है। जिसके बाद जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत उनकी संसद सदस्यता चली गई। ध्यान दें कि जन-प्रतिनिधित्व कानून में प्रावधान है कि जब कोई राजनेता किसी मामले में दोषी करार दिया जाता है, तो उसकी संसद सदस्यता निरस्त कर दी जाती है और राहुल गांधी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उधर, सिद्धू ने राहुल के बारे में क्या कहा। आइए, जानते हैं।
#WATCH | Patiala: Whenever a dictatorship came to this country a revolution has also come and this time, the name of that revolution is Rahul Gandhi. He will rattle the govt: Navjot Singh Sidhu soon after his release from Patiala jail pic.twitter.com/wkrBrObxDG
— ANI (@ANI) April 1, 2023
दरअसल, जेल से बाहर आने के बाद सिद्धू से जब राहुल के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने राहुल को क्रांतिकारी बताया। कहा कि वो लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने आगे केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इन लोगों ने लोकतंत्र को बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। संस्थाएं गुलाम हो चुकी हैं। तानाशाही हो गई और जब कभी-भी संस्थाएं तानाशाही हुई हैं, तो क्रांति हुई है और आज की तारीख में इस क्रांति का नाम राहुल गांधी है। सिद्धू ने कहा कि मैं संविधान को ग्रंथ मानता हूं, लेकिन अफसोस आज की तारीख में संविधान और संवैधानिक संस्थाएं गुलाम हो चुकी हैं। इन लोगों ने मुझे डराने की कोशिश की, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं मौत से नहीं घबराता हूं। ये लोग मेरा कुछ भी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि मैं मौत से नहीं घबराता हूं। पंजाब के खिलाफ साजिशें रचीं जा रही हैं। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। मैं पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए लड़ रहा हूं। आइए, आगे आपको उस पूरे मामले के बारे में विस्तार से बताते हैं, जिसमें सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है।
जानें पूरा माजरा
आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 के रोडरेज मामले में एक साल की सजा सुनाई गई थी। दरअसल, सिद्धू पर आरोप था कि उन्होंने 1988 में गुरनाम सिंह नामक एक बुजुर्ग व्यक्ति को घूंसा मार दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में काफी दिनों तक सुनाई हुई। जिसके बाद सिद्धू पर आरोप तय हुए। उन्होंने विगत वर्ष 20 मई को पटिलाया अदालत में जाकर सरेंडर कर दिया था, जिसके बाद अब वे 1 साल की सजा काटकर जेल से बाहर आए। बहरहाल, अब आगामी दिनों में सिद्धू क्या कुछ कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।