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Navjot Singh Sidhu: जेल से नवजोत सिंह सिद्धू के रिहा होने में लगा ग्रहण, पंजाब सरकार के इस कदम से फंसा पेच

अगर जेल से पहले रिहाई की बात करें, तो सिद्धू इसके लिए तमाम नियमों पर खरे बैठते हैं। नियम के तहत है कि जो कैदी सजा काट रहे हैं और अब तक अपनी सजा का 68 फीसदी जेल में बिता चुके हैं, उन्हें सरकार पहले रिहा कर सकती है। सिद्धू अपनी 1 साल की सजा का 68 फीसदी हिस्सा जेल में बिता चुके हैं।

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से रिहा होने में ग्रहण लगता दिख रहा है। पहले खबर थी कि 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर पंजाब सरकार सिद्धू समेत तमाम कैदियों को रिहा करने का आदेश देगी, लेकिन कैदियों का नाम तय करने संबंधी बैठक ही अब तक नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि 3 फरवरी से पहले पंजाब कैबिनेट की कोई बैठक प्रस्तावित नहीं है। कैदियों को रिहा करने का फैसला कैबिनेट की बैठक में ही होता है। जिसके बाद नाम तय करके गवर्नर को भेजा जाता है। गवर्नर की मंजूरी के बाद कैदियों को जेल से रिहा किया जाता है।

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सूत्रों के मुताबिक जेल विभाग सीएम भगवंत मान के पास है। कैदियों को रिहा करने संबंधी फाइल उनको भेजी गई है, लेकिन इस प्रस्ताव को अब तक कैबिनेट की मीटिंग में रखा नहीं गया है। ऐसे में जेल से नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई लटकने के पूरे आसार दिख रहे हैं। पहले उनके समर्थक रिहाई की खबरों से काफी उत्साहित थे, लेकिन अब वे भी टकटकी लगाए हैं कि पंजाब सरकार कब इस बारे में फैसला करती है। नवजोत सिंह सिद्धू के 30 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की भी बात थी, लेकिन रिहाई अगर न हुई, तो वो इस कार्यक्रम में भी नहीं जा सकेंगे।

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अगर जेल से पहले रिहाई की बात करें, तो सिद्धू इसके लिए तमाम नियमों पर खरे बैठते हैं। नियम के तहत है कि जो कैदी सजा काट रहे हैं और अब तक अपनी सजा का 68 फीसदी जेल में बिता चुके हैं, उन्हें सरकार पहले रिहा कर सकती है। सिद्धू अपनी 1 साल की सजा का 68 फीसदी हिस्सा जेल में बिता चुके हैं। इस तरह पंजाब की भगवंत मान सरकार चाहे, तो उनको रिहा कर सकती है।