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Navjot Singh Sidhu: धरी रह गईं नवजोत सिंह सिद्धू की उम्मीदें, गणतंत्र दिवस पर अब तक जेल से नहीं हो सके रिहा

सिद्धू की जेल से रिहाई के बाद स्वागत के लिए उनके समर्थकों ने सभी तैयारियां कर ली थीं। सिद्धू समर्थकों ने उनके फेसबुक पेज पर रूट मैप तक पोस्ट कर दिया था। लुधियाना समेत पंजाब में कई जगह सिद्धू के स्वागत के लिए बैनर भी लगाए गए थे।

चंडीगढ़। गणतंत्र दिवस के मौके पर कांग्रेस के नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को रिहा करने का कोई फैसला अब तक पंजाब सरकार ने नहीं किया है। सिद्धू के समर्थकों को उम्मीद थी कि गणतंत्र दिवस के मौके पर जिन 50 कैदियों को रिहा करने की चर्चा है, उनमें नवजोत सिंह सिद्धू भी होंगे। पंजाब सरकार ने कैदियों की रिहाई के बारे में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। रोड रेज के मामले में सिद्धू पटियाला जेल में सजा काट रहे हैं। आज अगर सिद्धू की रिहाई न हुई, तो वो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में भी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। ये सिद्धू के लिए बड़ा सियासी झटका होगा।

navjot singh sidhu

सिद्धू की जेल से रिहाई के बाद स्वागत के लिए उनके समर्थकों ने सभी तैयारियां कर ली थीं। सिद्धू समर्थकों ने उनके फेसबुक पेज पर रूट मैप तक पोस्ट कर दिया था। लुधियाना समेत पंजाब में कई जगह सिद्धू के स्वागत के लिए बैनर भी लगाए गए थे। सिद्धू के मीडिया सलाहकार सुरिंदर डल्ला ने ये तक कह दिया था कि पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के रक्षक नवजोत सिंह सिद्धू जल्द आ रहे हैं, लेकिन ये सभी बातें और स्वागत के बैनर फिलहाल किसी काम के नहीं रहे हैं।

सिद्धू पर आरोप साबित हुआ था कि उन्होंने 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में एक पार्किंग में 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से मारपीट की थी। मारपीट के बाद गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या का केस चला। निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था। वहीं, गुरनाम सिंह के परिजनों ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहां से सिद्धू को 1 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद सिद्धू ने सरेंडर किया था और पटियाला जेल में तभी से कैद हैं। अपनी सजा का 68 फीसदी हिस्सा सिद्धू ने पूरा कर लिया है। इस तरह पंजाब सरकार अगर चाहे, तो उनको पूरी सजा से छूट भी दे सकती है।