मुंबई। देश के तमाम बड़े नेताओं को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर निमंत्रण भेजा गया है। कई नेता प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर राम मंदिर जाने की तैयारी में हैं। कई नेता अयोध्या पहुंच भी चुके हैं, लेकिन इंडिया गठबंधन के बड़े नेता लगातार प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बना रहे हैं। इसके लिए ये नेता अजब-गजब तर्क भी दे रहे हैं। ताजा मामला एनसीपी के संस्थापक और इंडिया गठबंधन के नेता शरद पवार का है। शरद पवार को भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था। शरद पवार ने निमंत्रण मिलने की पुष्टि करते हुए कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया है और ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को धन्यवाद देते हुए चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में शरद पवार ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में न आने की बात कही है, लेकिन इसके लिए अजब-गजब दलील भी वो दे रहे हैं।
शरद पवार ने चंपत राय के नाम लिखी चिट्ठी में कहा है कि राम भक्त बड़ी संख्या में अयोध्या पहुंच रहे हैं। इसके आगे उन्होंने लिखा है कि राम भक्तों के जरिए इस ऐतिहासिक समारोह का आनंद मुझ तक पहुंचेगा। 22 जनवरी के समारोह के बाद सहजता और आराम से भगवान राम के दर्शन की बात शरद पवार ने लिखी है। उन्होंने आगे लिखा है कि उस वक्त श्री रामलला जी के दर्शन करूंगा। आगे शरद पवार लिखते हैं कि तब तक मंदिर का निर्माण भी पूरा हो चुका होगा। इससे साफ है कि शरद पवार तब ही अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएंगे, जब 2024 के अंत में राम मंदिर का निर्माण हो चुका होगा। देखिए शरद पवार की चंपत राय को लिखी चिट्ठी।
NCP chief Sharad Pawar receives an invitation to attend the pran pratishtha ceremony of Ram Temple in Ayodhya. Sharad Pawar wrote a letter to General Secretary of Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Champat Rai.
The letter reads, “After the pran pratistha ceremony is completed on… pic.twitter.com/XeYmrctqq4
— ANI (@ANI) January 17, 2024
शरद पवार से पहले सपा अध्यक्ष और इंडिया गठबंधन में शामिल अखिलेश यादव ने भी निमंत्रण मिलने के बावजूद प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार कर दिया था। अखिलेश ने भी चंपत राय को लिखा था कि वो बाद में परिवार समेत दर्शन करेंगे। वहीं, कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन चौधरी ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक बताकर उससे कन्नी काट ली थी। हालांकि, कांग्रेस के ही तमाम दिग्गज नेता प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हो रहे हैं।