
उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के मामले में पकड़े गए मोहम्मद रियाज अंसारी और मोहम्मद गौस के बारे में लगातार सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। इससे लग रहा है कि दोनों के पाकिस्तानी आतंकियों से पुराने रिश्ते रहे हैं। एक मौलवी से भी इनके तार जुड़ रहे हैं। कुल मिलाकर जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA इनकी कुंडली को लगातार खंगाल रही है और हर पहलू को बारीकी से देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक रियाज अंसारी के तार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ISIS के रिमोट स्लीपर सेल अल-सूफा से जुड़े थे। रियाज अल-सूफा के लिए उदयपुर में रहकर काम कर रहा था। इसके अलावा जयपुर और अन्य जगह ब्लास्ट करने की साजिश रचने वाले और 30 मार्च को निंबाहेड़ा से गिरफ्तार मुजीब के अंडर में भी वो काम कर चुका है। फिलहाल पता चला है कि सिर्फ कन्हैयालाल की हत्या नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर खूनखराबा करने का इनका इरादा था।
जांचकर्ताओं के हवाले से सूत्रों का कहना है कि रियाज के मोबाइल फोन की जांच में कई देशों के नंबर मिले हैं। वो पाकिस्तान के दो लोगों से भी लगातार संपर्क में रहता था। कन्हैयालाल की हत्या से पहले, हत्या के दौरान और हत्या के बाद 3 वीडियो बनाने वाला रियाज अपने साथी गौस के साथ अजमेर भाग रहा था और वहां से भी उसकी एक वीडियो बनाकर वायरल करने की योजना थी। बता दें कि रियाज और गौस ने जिस तरह के वीडियो बनाकर वायरल किए थे, ठीक ऐसे ही वीडियो आईएसआईएस भी बनाता है।
वहीं, सूत्रों के मुताबिक रियाज का साथी मोहम्मद गौस पिछले 10 साल से पाकिस्तान स्थित कट्टर इस्लामी संगठन दावत-ए-इस्लामी से जुड़ा था। उसने 2014 में 30 अन्य लोगों के साथ पाकिस्तान जाकर 45 दिन की ट्रेनिंग भी इस संगठन से ली थी। गौस ने ‘अल्लाह के बंदे’ और ‘रसूल्लाह’ नाम से वाट्सएप ग्रुप भी बना रखे थे। माना जा रहा है कि इन ग्रुप्स के जरिए ही कन्हैयालाल की हत्या की साजिश रची गई। एनआईए की जांच में ग्रुप्स में शामिल लोगों की भी अब पड़ताल हो रही है। उधर, खबर है कि रियाज और गौस दोनों यूपी के कानपुर आए थे। इस जानकारी के बाद कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय मीणा ने जांच के आदेश दिए हैं। दोनों के कानपुर स्थित संपर्कों की भी तेजी से पड़ताल हो रही है।