पटना। गजवा-ए-हिंद की साजिश और भारत को 2047 तक इस्लामी राष्ट्र बनाने के अलावा जेहादी विचारधारा फैलाने के आरोप में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के खिलाफ केंद्र सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। केंद्र की राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने पीएफआई के बिहार स्थित 32 ठिकानों पर छापे मारे हैं। ये छापे पटना के अलावा दरभंगा में मारे गए हैं। एनआईए की टीम ने पटना के फुलवारी शरीफ में अहतर परवेज के घर पर भी 2 घंटे छापे का काम जारी रखा। परवेज के घर सुबह 6 बजे एनआईए की टीम पहुंची थी। वहीं, जांच एजेंसी की दो टीमें दरभंगा गईं। वहां एक टीम ने उर्दू बाजार में एक लॉज में छापा मारा। इस लॉज के पास ही गिरफ्तार किए गए नूरुद्दीन जंगी का घर है। दूसरी टीम ने सिंघवाड़ा इलाके में छापेमारी की।
फुलवारी शरीफ मामले में जांच एजेंसी ने 2 अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। इनमें से एक केस पीएम नरेंद्र मोदी के प्रोग्राम से पहले धमाकों की रची गई साजिश के मामले में है। इस मामले में 26 आरोपी हैं। इससे पहले 14 जुलाई को फुलवारी शरीफ इलाके में छापेमारी की गई थी। छापेमारी में भारत को इस्लामी देश बनाने के लिए पीएफआई के ‘मिशन 2047’ के दस्तावेज जब्त किए गए थे। दूसरा केस एनआईए ने गजवा-ए-हिन्द मॉड्यूल की जांच के मामले में दर्ज किया था। इस ग्रुप का मुख्य आरोपी मरगूब अहमद दानिश है। मोदी के दौरे और मरगूब का केस एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। इसी साजिश को समझने के लिए एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ अब कार्रवाई तेज कर दी है।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक आरोपियों में कई ऐसे हैं, जिनके सीधे तौर पर पीएफआई से संबंध हैं। बिहार के पटना टेरर मॉड्यूल में जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने 15 जुलाई को फुलवारी शरीफ से मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक जब ताहिर को पूछताछ के लिए थाने लाया गया, तो उसके मोबाइल में ऐसी कई चीजें मिलीं जिनसे इस बात का सबूत मिलता है कि वो स्थानीय और विदेशी तत्वों की मदद से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहा है।