जौनपुर/बेंगलुरु। एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में आरोपी उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दी है। वहीं, जौनपुर में घर से फरार अतुल सुभाष की सास और साले का अब तक पता नहीं है। दोनों ही गुरुवार की रात को अचानक बाइक पर बैठकर पहले एक होटल पहुंचे थे और वहां से अज्ञात जगह चले गए। बेंगलुरु पुलिस की एक टीम शुक्रवार को जौनपुर में अतुल सुभाष के ससुराल पहुंची थी। जहां पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उनकी मां और भाई को पूछताछ के लिए 3 दिन में पेश होने का नोटिस चस्पा कर दिया था। निकिता और परिवार के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने 2 जांच टीम बनाई है। सभी पर बीएनएस की धारा 108 3(5) लगाया गया है।
अतुल सुभाष बेंगलुरु में काम करते थे। अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को 90 मिनट का वीडियो बनाया था और 24 पेज का सुसाइड नोट लिखा था। जिसके बाद अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी। अतुल सुभाष ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया ने 9 केस दर्ज करा दिए। बेटे से भी निकिता मिलने नहीं देती थीं। अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट और वीडियो में पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, चचेरे ससुर और निकिता के भाई को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी बताया था। अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में लिखा था कि जौनपुर में फैमिली कोर्ट की जज के सामने ही निकिता ने उनसे कहा था कि तुम भी सुसाइड क्यों नहीं कर लेते।
अतुल सुभाष ने अपने सुसाइड नोट में जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज पर भी गंभीर आरोप लगाया था। अतुल सुभाष ने लिखा था कि फैमिली कोर्ट की जज ने मामला सेटल कराने के लिए 5 लाख रुपए मांगे। अतुल सुभाष ने लिखा था कि 2 साल में दर्जनों बार उनको जौनपुर के कोर्ट में पेश होना पड़ता था। अतुल सुभाष के पिता ने इस बीच कहा है कि अगर उनको और प्रताड़ित किया गया, तो इच्छा मृत्यु की मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखेंगे। वहीं, अतुल सुभाष के भाई का कहना है कि तमाम दिक्कतों का सामना परिवार कर रहा था, लेकिन उनको ऐसा नहीं लगता था कि बड़े भाई आत्महत्या कर लेंगे।