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NHRC On Hooch Tragedy: सारण जहरीली शराब कांड मामले में मुश्किल में घिर सकते हैं नीतीश कुमार, घटना की जांच करने जाएगी NHRC टीम

सारण में हुई जहरीली शराब कांड में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तमाम अन्य की आंखों की रोशनी चली गई है। सीएम नीतीश कुमार से पीड़ितों के घरवालों को मुआवजा देने की मांग बीजेपी कर रही है। वहीं, नीतीश ने कहा है कि मुआवजा नहीं देंगे क्योंकि ये उदाहरण है कि अगर शराब पीओगे, तो मरोगे।

नई दिल्ली। बिहार के सीएम नीतीश कुमार नई मुश्किल में घिर सकते हैं। सारण जिले में हुई जहरीली शराब कांड के मामले की जांच करने का फैसला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग NHRC ने किया है। एनएचआरसी की टीम जिले में जाकर ये जांच करेगी कि आखिर जहरीली शराब आई कहां से, किसने बनाई और सरकारी तंत्र इस कांड को होने से रोक क्यों नहीं सका। एनएचआरसी की रिपोर्ट नीतीश कुमार के लिए इसलिए सिरदर्द बन सकती है, क्योंकि इसकी निष्पक्ष जांच कराने की मांग वाली अर्जी पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी है। अगर एनएचआरसी की रिपोर्ट में जहरीली शराब कांड और सरकारी तंत्र के बीच साठगांठ का कोई भी खुलासा हुआ, तो सुप्रीम कोर्ट में नीतीश सरकार को जवाब देने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

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एनएचआरसी ने सारण के जहरीली शराब कांड के पीड़ितों को चिकित्सा देने में हो रही कोताही पर भी चिंता जताई है। पीड़ित काफी गरीब हैं और निजी अस्पतालों में इलाज नहीं करा सकते। एनएचआरसी ने कहा है कि राज्य सरकार को बेहतर से बेहतर इलाज शराब कांड के पीड़ितों को देना चाहिए। एनएचआरसी की जांच टीम राज्य सरकार से राहत और पुनर्वास के मामले में भी जानकारी लेगी। यहीं एक बड़ा पेच फंस सकता है, क्योंकि सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि शराब कांड के पीड़ितों के घरवालों को वो कोई मुआवजा नहीं देने जा रहे। नीतीश कुमार ने ये एलान राज्य विधानसभा में किया है।

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सारण में हुई जहरीली शराब कांड में अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। तमाम अन्य की आंखों की रोशनी चली गई है। सीएम नीतीश कुमार से पीड़ितों के घरवालों को मुआवजा देने की मांग बीजेपी कर रही है। वहीं, नीतीश ने कहा है कि ये उदाहरण है कि अगर शराब पीओगे, तो मरोगे। बिहार में शराबबंदी लागू है, लेकिन पहले भी जहरीली शराब से मौतें हो चुकी हैं। ऐसी घटनाओं को नीतीश कुमार की सरकार अब तक रोक नहीं सकी है।