नई दिल्ली। सेना के लिए अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को अफवाह करार दिया है। पीआईबी ने बताया है कि अग्निवीर योजना जैसी थी, वैसी ही चलती रहेगी।
पिछले कुछ दिन से सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट की बाढ़ आई थी कि मोदी सरकार अग्निवीर योजना में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इन पोस्ट में दावा किया जा रहा था कि 23 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अग्निवीर योजना में बदलाव का एलान करेंगे। सोशल मीडिया पोस्ट में ये दावा किया जा रहा था कि अब 25 फीसदी की जगह 60 फीसदी अग्निवीरों को पर्मानेंट किया जाएगा। साथ ही 4 की जगह 7 साल की नौकरी, मौत होने पर ज्यादा रकम और अन्य सुविधाओं का दावा भी सोशल मीडिया पर हो रहा था। अब केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि ये महज अफवाह है और अग्निवीर योजना जैसे चल रही है, उसी तरह चलती रहेगी।
पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया है कि एक फर्जी वाट्सएप संदेश मे दावा किया गया है कि समीक्षा के बाद अग्निपथ योजना को बदलावों के साथ सैनिक सम्मान योजना के तौर पर फिर से शुरू किया गया है। इसमें सेवा की अवधि बढ़ाकर 7 साल करने, 60 फीसदी स्थायी नौकरी और बढ़ी हुई सैलरी के बारे में बताया गया है। पीआईबी ने बताया है कि केंद्र सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं किया है। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में अग्निपथ योजना के तहत तीनों सेनाओं में अग्निवीरों की भर्ती की योजना शुरू की थी। विपक्ष पहले से ही अग्निवीर योजना के खिलाफ रहा है और इस बार लोकसभा चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया था। अग्निवीर योजना के तहत 4 साल की नौकरी दी जाती है। इसमें 6 महीने की ट्रेनिंग होती है। 4 साल की नौकरी के बाद 25 फीसदी अग्निवीरों को पर्मानेंट सेवा में लिए जाने का प्रावधान है। अग्निवीर योजना में कोई पेंशन नहीं दी जाती। 4 साल बाद केंद्रीय बलों में नौकरी देने के लिए 50 फीसदी स्थान आरक्षित किया गया है।