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तारीख गवाह है, जब-जब साइक्लोन आया, एक्शन मोड में नजर आए PM नरेंद्र मोदी

PM Narendra Modi: साल 2014 में आंध्रप्रदेश में हुडहुड साइक्लोन ने दस्तक दी। पीएम तुरंत एक्शन मोड में आए। 13 अक्टूबर को उन्होंने आंध्र के सीएम से बात की। अगले दिन खुद विशाखापत्तनम पहुंच गए। इस साइक्लोन में सभी को कंधे से कंधे मिलाकर खड़े रहने का संदेश दिया।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आपदा के वक्त तेजी से सक्रिय होने और तत्काल राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने का पुराना रिकॉर्ड है। तारीख इस बात की गवाही देती है। रिकॉर्ड इन तथ्यों की पुष्टि करते हैं। ये रिकॉर्ड पीएम को बदनाम करने की तमाम साजिशों पर भारी पड़ते हैं। यहां तक कि आपदा गुजर जाने के बाद भी पीएम ने वहां के हालातों पर नजर बनाए रखी। गुजरात के भयानक भूकंप के बाद के अद्भुत नवनिर्माण का उनका रिकॉर्ड उन्हें हमेशा बड़ी लकीर खींचने की ओर प्रेरित करता रहता है। राजनीतिक मतभेद के बावजूद चक्रवात, अग्निकांड, भूकंप जैसी स्थितियों में पीएम राज्य सरकारों के साथ हमेशा खड़े रहे हैं। साल 2014 में कुर्सी संभालने के बाद से ही पीएम चक्रवातों को लेकर हमेशा ही अलर्ट और एक्टिव मोड में रहे हैं।

PM Narendra Modi

साल 2014 में आंध्रप्रदेश में हुडहुड साइक्लोन ने दस्तक दी। पीएम तुरंत एक्शन मोड में आए। 13 अक्टूबर को उन्होंने आंध्र के सीएम से बात की। अगले दिन खुद विशाखापत्तनम पहुंच गए। इस साइक्लोन में सभी को कंधे से कंधे मिलाकर खड़े रहने का संदेश दिया। दिसंबर 2017 में कर्नाटक में ओखी साइक्लोन का खतरा मंडराया। पीएम ने राउंड द क्लाक मॉनिटरिंग शुरू की।अगले दिन कर्नाटक के मंगलुरू, लक्षद्वीप, तमिलनाडु व केरल का दौरा किया। साइक्लोन के पीड़ितों, मछुआरों, किसानों, अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से मिले।

साल 2018 के अक्टूबर महीने में उड़ीसा और आंध्रप्रदेश में साइक्लोन का अलार्म बजा। 11 अक्टूबर 2018 को पीएम ने उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक से बात की। आंध्र और उड़ीसा के हालात के लगातार संपर्क में रहे। केंद्र से हर मुमकिन सहयोग उपलब्ध कराया। महज दो महीने के भीतर यानि नवंबर 2018 में तमिलनाडु साइक्लोन यानि चक्रवात का निशाना बना। पीएम मोदी ने तुरंत तमिलनाडु के तत्कालीन सीएम पलानीस्वामी से बात की। हर संभव मदद उपलब्ध कराई। साइक्लोन की तबाही के बाद के हालातों का भी अपडेट लेते रहे।

मई 2019 में उड़ीसा और बंगाल में फानी चक्रवात ने दस्तक दी। पीएम ने तुरंत 2 मई को एक हाइलेवल मीटिंग बुलाई। अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर तुरंत राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए। इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी सत्ता में नहीं थी। इसके बावजूद पीएम की अगुवाई में यहां पर संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी गई। जून 2019 में गुजरात से वायु साइक्लोन टकराया। पीएम मोदी इस बार भी खुद पूरे हालातों की मॉनिटरिंग कर रहे थे। एनडीआरएफ समेत सभी एजेंसियों को काम पर लगा दिया गया। पीएम ने सुनिश्चित किया कि इस तूफान से जमीन पर नुकसान न के बराबर हो।

नवंबर 2019 में पूर्वी भारत और पश्चिमी भारत दोनों ही जगहों पर साइक्लोन की आहट सुनाई दी। पीएम तुरंत एक्शन मोड में आए। 10 नवंबर को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से फोन पर बात की। केंद्र से हर तरह की मदद का आश्वासन दिया। प्रदूषण के चलते उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में घटित हालातों की समीक्षा की। पीएम ने एक पल गंवाए बगैर सुनिश्चित किया कि राहत सही जगह पर और सही समय पर पहुंचे।

मई 2020 में उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में विनाशकारी चक्रवाती तूफान अम्फान ने दस्तक दी। पीएम ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और राज्यपाल से बात की। हालात का जायजा लिया। वे अंफान के हालातों का जायजा लेने के लिए खुद बंगाल पहुंचे। पूरे घटनाक्रम की स्वयं समीक्षा की। जून 2020 में महाराष्ट्र, गुजरात, दमनदीव एवं दादरा नागर में साइक्लोन का खौफ मंडराया। पीएम ने तुरंत महाराष्ट्र, गुजरात के सीएम एवं दमन व दादरा नागर हवेली के प्रशासक से बातें कीं। उन्हें केंद्र की ओर से पूरी मदद का भरोसा दिलाया।

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नवंबर-दिसंबर 2020 में तमिलनाडु और पुदुचेरी में निवार एवं बुरेवी साइक्लोन ने दस्तक दी। पीएम ने तमिलनाडु व पुदुचेरी के सीएम से बातें कीं। उन्हें केंद्र की ओर से पूरी मदद सुनिश्चित की। इसी महीने यानि मई 2021 में गुजरात और दीव में साइक्लोन ताउते की दस्तक हुई। एक बार फिर से पीएम एक्शन मोड में आए। गुजरात और दीव का हवाई सर्वे किया। राहत और बचाव के कामों की समीक्षा की।पीड़ितों के लिए नकद राहत का ऐलान किया। ये पीएम के काम करने का तरीका है। तथ्य इसकी गवाही देते हैं। कांग्रेसी टूलकिट कुछ भी कहे मगर तारीख का हर पन्ना पीएम की इस सक्रियता और कर्तव्य परायणता की गवाही देता है।