नई दिल्ली। देश भर में नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि उनका एनआरसी लाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। यह पहला मौका है जब संसद में आधिकारिक रूप से यह बात कही गई है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एनआरसी को लेकर लिखित में जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ‘अभी तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को तैयार करने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है।’
MoS Home Nityanand Rai in a written reply to a question in Lok Sabha: Till now, the government has not taken any decision to prepare National Register of Indian Citizens (NRIC) at the national level. pic.twitter.com/e3OarkJv9x
— ANI (@ANI) February 4, 2020
क्या है एनआरसी?
एनआरसी मतलब नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन। ये एक ऐसा रजिस्टर है, जिसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों की डिटेल दर्ज होगी। इसकी शुरुआत साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी। असम के मौजूदा हालत को देखते हुए इसकी व्यवस्था की गई थी। 31 अगस्त 2019 को असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की गई है। फिलहाल एनआरसी असम के अलावा दूसरे किसी राज्य में लागू नहीं है।
एनआरसी में शामिल होने के लिए क्या जरूरी है?
एनआरसी के तहत भारत का नागरिक साबित करने के लिए किसी व्यक्ति को यह साबित करना होगा कि उसके पूर्वज 24 मार्च 1971 से पहले भारत आ गए थे। ये साबित कर पाने वाले को ही भारत का वैध नागरिक माना जाएगा।