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UP: मुश्किल में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, फर्जीवाड़े के मामले में पत्नी लुइस के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वारंट

Uttar Pradesh: आरोप पत्र के मुताबिक डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को मार्च 2010 में यूपी के 17 जिलों में दिव्यांगों को व्हीलचेयर, ट्राइसाइकिल और हियरिंग एड देने के लिए सरकार से 71 लाख 50 हजार रुपए मिले थे। इस रकम को गबन करने का आरोप ट्रस्ट से पदाधिकारियों पर लगा था।

फर्रुखाबाद। यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्शीद नई मुश्किल में घिरते दिख रहे हैं। उनकी पत्नी लुइस खुर्शीद और एक अन्य करीबी के खिलाफ लाखों की सरकारी रकम के गबन के मामले में फर्रुखाबाद के कोर्ट ने गैर जमानती वॉरंट जारी कर दिया है। लुइस खुर्शीद के अलावा सलमान खुर्शीद के डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव अतहर फारूकी के खिलाफ भी गैर जमानती वॉरंट को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट पीके त्यागी ने जारी किया। इस मामले में अगली सुनवाई 16 अगस्त तय की गई है। यूपी पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने जून 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच अधिकारी रामशंकर यादव ने कायमगंज थाने में लुइस खुर्शीद और अतहर फारूकी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इस मामले में 30 दिसंबर 2019 को कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

आरोप पत्र के मुताबिक डॉ. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को मार्च 2010 में यूपी के 17 जिलों में दिव्यांगों को व्हीलचेयर, ट्राइसाइकिल और हियरिंग एड देने के लिए सरकार से 71 लाख 50 हजार रुपए मिले थे। इस रकम को गबन करने का आरोप ट्रस्ट से पदाधिकारियों पर लगा था। आरोप पत्र के मुताबिक यूपी के वरिष्ठ अफसरों के फर्जी साइन करके और मुहर लगाकर केंद्र सरकार से पैसा ले लिया गया।

ट्रस्ट का दावा था कि उसने एटा, इटावा, कासगंज, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, बरेली, मेरठ, अलीगढ़ और शाहजहांपुर समेत 17 जिलों में दिव्यांगों के लिए कैंप लगाए, लेकिन जांच में पता चला कि इस तरह के कैंप कभी लगे ही नहीं। अब इस मामले में सलमान खुर्शीद भी लपेटे में आ सकते हैं। क्योंकि ट्रस्ट के असली कर्ताधर्ता वही हैं।

Louis Khurshid

इस मामले के सामने आने के बाद काफी हो-हल्ला मचा था। उस वक्त लुइस खुर्शीद ने कहा था कि उनके खिलाफ लग रहे सारे आरोप गलत हैं और ट्रस्ट के लोगों ने सरकारी रकम का गबन नहीं किया है। हालांकि, मामले के सामने आने के बाद तत्कालीन केंद्र सरकार ने ट्रस्ट के लिए जारी किए गए 68 करोड़ रुपए की रकम को देने पर रोक लगा दी थी।