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Maharashtra: एकनाथ शिंदे की जगह अब इस दिग्गज नेता को बीजेपी बनाएगी महाराष्ट्र का सीएम!, अंग्रेजी अखबार का दावा

बीजेपी ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे और उनके साथ 39 विधायकों को लेकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। अब अंग्रेजी अखबार ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के सीएम पद से जल्दी ही एकनाथ शिंदे की छुट्टी होने वाली है। अखबार के मुताबिक शिंदे को पद से हटाने की तैयारी की जानकारी दे दी गई है।

मुंबई। बीजेपी ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे और उनके साथ 39 विधायकों को लेकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। अब अंग्रेजी अखबार ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के सीएम पद से जल्दी ही एकनाथ शिंदे की छुट्टी होने वाली है। अखबार का दावा है कि शिंदे की जगह एक अन्य कद्दावर नेता को साथ लेकर बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार चलाएगी। अखबार के मुताबिक बीजेपी नेतृत्व को लग रहा है कि शिवसेना का नाम और तीर कमान का चुनाव चिन्ह गंवाने के बाद भी उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे की लोकप्रियता बढ़ रही है। बीजेपी का आंतरिक सर्वे बता रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को महाराष्ट्र में सिर्फ 15 सीटें मिलेंगी। वहीं, महाविकास अघाड़ी को 48 में से 33 सीटों पर जीतता बताया गया है।

इस वजह से अब बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को हटाकर महाराष्ट्र की सियासत के कद्दावर नाम अजित पवार को साथ लेने का फैसला किया है। अखबार के मुताबिक उसे सूत्रों से पता चला है कि 8 अप्रैल को जब अजित पवार का फोन नॉट रीचेबल था, तब वो दिल्ली में बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह से मुलाकात कर डील फाइनल कर रहे थे। जबकि, अजित पवार ने कहा था कि वो थके हुए थे और आराम कर रहे थे। अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को बता दिया है कि उनको सीएम पद से हटाया जाएगा। अखबार के मुताबिक 35 से 40 एनसीपी विधायक अजित पवार के साथ हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि अजित अपने चाचा शरद पवार से इस बारे में मंजूरी लें।

sharad pawar and ajit pawar
एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ अजित पवार की फाइल फोटो।

अजित पवार ने 2019 में अचानक देवेंद्र फडणवीस के साथ जाकर डिप्टी सीएम की शपथ भी ली थी, लेकिन तब शरद पवार के सख्त रुख की वजह से वो एनसीपी में वापस लौट आए थे। खास बात ये भी है कि बीते कुछ दिनों में शरद पवार और अजित पवार ने बीजेपी के पक्ष वाले बयान दिए हैं। शरद पवार ने जहां अडानी मसले पर जेपीसी की विपक्ष की मांग को दरकिनार कर दिया था। वहीं, अजित पवार ने ईवीएम को सही बताया था और ये भी कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी की डिग्री का मसला उठाने से कोई फायदा नहीं मिलेगा, क्योंकि मोदी अपने करिश्माई व्यक्तित्व से जीतते हैं।