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Ayodhya: बस कुछ दिन की ही है बात, अयोध्या में रामलला का मंदिर बनते खुद देख सकेंगे आप

Ayodhya: मंदिर को राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया जाएगा। इसके लिए कार्यशाला में दिन-रात काम चल रहा है। अयोध्या आंदोलन के दौर से ही ये कार्यशाला बनाई गई थी और तभी से यहां पत्थरों को तराशने का काम जारी है।

अयोध्या। रामनगरी में रामलला के मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। नींव को भरा जा रहा है। 44 में से 25वीं लेयर नींव भराई की जा रही है। नींव का काम खत्म होने के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भक्तों के लिए मंदिर निर्माण देखने की राह खोल देगा। भगवान राम के भक्त अयोध्या पहुंचकर खुद मंदिर बनते देख सकेंगे। इस साल 5 अगस्त को मंदिर के लिए भूमिपूजन किए जाने का एक साल भी पूरा हो रहा है। इस अवसर पर ट्रस्ट ने कई कार्यक्रम और विशेष पूजा कराने का फैसला किया है। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत इन कार्यक्रमों में कम ही लोगों को बुलाने की तैयारी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और तमाम संत इन कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं। ट्रस्ट के मुताबिक नींव को भरने का काम तेजी से चल रहा है। सितंबर तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद मंदिर के मुख्य बेस यानी चबूतरे का काम शुरू होगा। इसके लिए जयपुर और चित्रकूट से बलुआ पत्थर मंगाया जा रहा है। चबूतरे का काम शुरू होते ही रामभक्तों को मंदिर निर्माण को देखने का सौभाग्य मिल सकेगा।

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2023 में रामलला का मंदिर बनकर होगा तैयार

मंदिर निर्माण ट्रस्ट के मुताबिक साल 2023 में रामलला का मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। यह मंदिर उसी जगह बनाया जा रहा है, जहां के बारे में मान्यता है कि भगवान राम ने इसी जगह जन्म लिया था। मंदिर के चबूतरे में बलुआ पत्थर के साथ ग्रेनाइट भी लगाया जाएगा। यह चबूतरा अगले साल बनकर तैयार हो जाएगा। जिसके ऊपर पहले से तैयार खंभे लगाकर मंदिर का स्वरूप तैयार किया जाएगा।

गुलाबी बलुआ पत्थर

मंदिर को राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर से बनाया जाएगा। इसके लिए कार्यशाला में दिन-रात काम चल रहा है। अयोध्या आंदोलन के दौर से ही ये कार्यशाला बनाई गई थी और तभी से यहां पत्थरों को तराशने का काम जारी है। बीच में राजस्थान में खदानों पर रोक लगाने की वजह से पत्थर आने बंद हो गए थे, लेकिन पत्थर अब फिर आने लगे हैं।