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Birth Certificate Single Document: अब नहीं होगी अलग-अलग डॉक्यूमेंट की जरूरत!, बस ये एक कागज हो गया जरूरी, जानिए सरकार का ऐलान

Birth Certificate Single Document: संशोधित कानून के लागू होने के बाद बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल होगा और हर काम आप इसकी सहायता से करवा लेंगे। एक दिन पहले यानी 13 सितंबर को सरकार की तरफ से इसे लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन में सरकार ने जानकारी दी थी कि 1 अक्टूबर से जन्म और मृत्यु का पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 लागू हो जाएगा।

नई दिल्ली। क्या आपके पास आपका बर्थ सर्टिफिकेट (Birth Certificate) हैं?…अगर नहीं है तो बनवा लीजिए क्योंकि सरकार की तरफ से इसे लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है। इस फैसले के मुताबिक अब अगले महीने की 1 तारीख से (1 अक्टूबर) से जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 लागू होगा। इस अधिनियम के लागू होने के बाद आपको कोई भी काम जैसे एडमिशन, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता सूची तैयार करने, आधार संख्या, विवाह के पंजीकरण के लिए ढेर सारे डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी। संशोधित कानून के लागू होने के बाद बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट के तौर पर इस्तेमाल होगा और हर काम आप इसकी सहायता से करवा लेंगे।

Birth Certificate Single Document

एक दिन पहले यानी 13 सितंबर को सरकार की तरफ से इसे लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन में सरकार ने जानकारी दी थी कि 1 अक्टूबर से जन्म और मृत्यु का पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम 2023 लागू हो जाएगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से इस विधेयक को पारित किया गया है। लोकसभा में 1 अगस्त को जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिली है। तो वहीं, 7 अगस्त को राज्यसभा से इसे हरी झंडी मिली। अब दोनों सदनों से पारित होने के बाद अब अगले महीने 1 अगस्त से ये लागू हो जाएगा। ऐसा 54 साल बाद हो रहा है जब जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के अस्तित्व में आने के बाद इसमें बदलाव होने जा रहा है।

Birth Certificate Single Document

डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट की मानें तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा था कि सामाजिक परिवर्तन और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के साथ ही इसे और भी ज्यादा नागरिक अनुकूल बनाया जा सके इसके लिए इसमें संशोधन की जरूरत है। इसमें संशोधन के लिए राज्य सरकारों, जनता और अन्य हितधारकों के साथ सलाह भी ली गई थी। अब दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद अब ये 1 अक्टूबर से लागू हो जाएगा।