उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा सुरंग में पिछले 15 दिन से मलबे के पीछे फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए अब सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग शुरू की गई है। इस वर्टिकल ड्रिलिंग से डेढ़ फुट व्यास का हिस्सा काटकर मजदूरों को निकालने की योजना है। इससे पहले अमेरिका में बनी ऑगर मशीन से मलबे को काटकर 800 मिलीमीटर की पाइपलाइन बिछाने की योजना थी। इस पाइपलाइन के जरिए मजदूरों को निकालने की तैयारी थी, लेकिन मलबे में स्टील की मोटी सरिया आने के कारण ऑगर मशीन के ब्लेड खराब हो गए और फिर शुक्रवार को ये काम रोकना पड़ा। इससे पहले ही सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की भी तैयारी कर ली गई थी। इसके लिए मशीन भी मंगाई गई थी। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए सुरंग के ऊपर 90 मीटर तक काटना होगा। अगर इस काम में सफलता मिली, तो मजदूर सुरंग से बाहर आ सकते हैं। वहीं, प्लाज्मा मशीन मंगाकर ऑगर मशीन वाली जगह यानी सामने से स्टील की सरिया काटी जा रही है। यहां से मजदूर सिर्फ 16 मीटर दूर हैं। अगर प्लाज्मा मशीन से सरिया काटकर पाइपलाइन बिछाने में सफलता मिली तो सोमवार या मंगलवार तक मजदूर बाहर आ सकते हैं।
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Micro tunnelling expert Chris Cooper says, “Plasma machine – we are still cutting the auger. It is about 16 metres more of auger to cut…It (plasma machine) is beneficial as it will cut the steel faster…The plasma machine cuts… pic.twitter.com/8d9twKiJAN
— ANI (@ANI) November 26, 2023
मजदूरों को सिलक्यारा सुरंग से निकालने के लिए बड़कोट की तरफ से भी सुरंग बनाने का काम जारी है। यहां डायनामाइट लगाकर 3 बार विस्फोट किए गए हैं। विस्फोट से पहाड़ में जगह बनाकर पहले गार्ड वॉल तैयार की जानी है। जिसके बाद कटर मशीन से सुरंग को काटा जाएगा। बड़कोट की तरफ से 400 मीटर से ज्यादा सुरंग बनाई जानी बाकी है। ऐसे में काफी वक्त और लगेगा। इस वजह से सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग का प्लान बी लागू किया गया है। मजदूरों पर कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है। उनको भोजन और दवा समेत तमाम जरूरी चीजें भी लगातार सप्लाई की जा रही है। मजदूरों तक लैंडलाइन फोन सुविधा भी पहुंचाई गई है। ताकि जरूरत पड़ने पर वे तत्काल संपर्क कर सकें। इसके अलावा वक्त बिताने के लिए उनको मोबाइल और गेम भी दिए गए हैं। मजदूरों की हालत अभी ठीक बताई जा रही है। हालांकि, बीच में कुछ मजदूर बीमार भी हुए हैं।
सिलक्यारा सुरंग में धंसाव की घटना 12 नवंबर की तड़के करीब 5.30 बजे हुई थी। सुरंग में काम कर रहे मजदूरों के सामने 60 मीटर तक मलबा आ गया था। इस मसले को ऑगर मशीन से करीब 45 मीटर काटा भी गया था, लेकिन अचानक स्टील की मोटी-मोटी कुछ सरिया आने से पाइपलाइन से मजदूरों को निकालने में नाकामी हाथ लगी। मजदूरों को सिलक्यारा सुरंग से निकालने के काम में एनडीआरएफ और अन्य सरकारी एजेंसियां लगी हैं। विदेशी बचावकर्मी भी यहां बुलाए गए हैं। अब उम्मीद वर्टिकल ड्रिलिंग से है। हालांकि, वहां भी राह में सरिया आने के आसार हैं। फिर भी लोग मजदूरों के बचाव के लिए कोशिश जारी रखे हुए हैं। वहीं, सुरंग के बाहर स्थानीय देवता बौखनाग के मंदिर में पूजा-पाठ भी चल रहा है।