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Odisha News: ओडिशा सरकार ने दिया संविदा कर्मचारियों को बड़ा दिवाली तोहफा, सभी संविदा कर्मचारी होंगे नियमित

Odisha News : घोषणा के बाद विभिन्न सरकारी संस्था में संविदा पर नियुक्त 57 हजार से अधिक कर्मचारी नियमित कर्मचारी बन जाएंगे। इसके लिए सरकार पर अतिरिक्त 1300 करोड़ रुपये भार आएगा। सरकार ने इस खर्च को वहन करने के लिए प्लान बना लिया है।

ओडिशा। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दिवाली और अपने जन्म दिवस से ठीक एक दिन पहले शनिवार को प्रदेश से संविदा प्रथा का अंत करने की घोषणा करते हुए राज्य वासियों को दीपावली का बड़ा तोहफा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि ओडिशा से सदा के लिए संविदा नियुक्ति प्रथा का अंत कर दिया गया है। इस घोषणा के बाद विभिन्न सरकारी संस्था में संविदा पर नियुक्त 57 हजार से अधिक कर्मचारी नियमित कर्मचारी बन जाएंगे। इसके लिए सरकार पर अतिरिक्त 1300 करोड़ रुपये भार आएगा। सरकार ने इस खर्च को वहन करने के लिए प्लान बना लिया है।

राज्य सरकार की कैबिनेट बैठक में लिया गया अंतिम फैसला

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध में सरकार की तरफ रविवार को विधिवत विज्ञप्ति प्रकाशित की जाएगी। वहीं दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद प्रदेश के संविदा कर्मचारियों में खुशी का ठिकाना नहीं है। लोगों ने घरों से बाहर निकलकर खुशी मनाने के साथ नवीन को जन्म दिन से एक दिन पहले ही उन्हें जन्म दिन की बधाई देने के साथ ही उनके दीर्घायु की कामना की है। जन्मदिन से पहले इस मौके पर मुख्यमंत्री पटनायक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके आशीर्वाद से मुझे वर्ष 2000 से प्रदेश की जनता की सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। 1999 में आए सबसे बड़े चक्रवात के बाद की स्थिति और कमजोर आर्थिक स्थिति को संभालना मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के लिए सबसे बड़ी चुनौती थीं।


उस समय राज्य में आर्थिक संकट था और राज्य ओवरड्राफ्ट पर चल रहा था। सरकार को दैनिक के खर्च के लिए रिजर्व बैंक पर निर्भर रहना पड़ता था। हालांकि, यह ओडिशा की अर्थव्यवस्था के लिए एक काला दौर था। उस समय राज्य का खजाना भी खाली था। अर्थव्यवस्था पर बहुत खराब थी। हम शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, कृषि, सिंचाई आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बहुत पीछे थे। इस बीच बाढ़ और सूखा जारी रहा। उस समय नियुक्ति पूरी तरह बंद करनी पड़ी थी। राज्य के बच्चे नियुक्ति ना पाकर परेशान थे। गरीबी भी ज्यादा थी। इससे मुझे बहुत दुख हो रहा था। मेरे मन में सदैव चिंता लगी रहती थी कि कब अच्छे दिन आएंगे और हमारे बच्चों को नियमित सर्विस मिलेगी। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक राज्य को एक आदर्श राज्य के तौर पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।