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‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर बिगड़े उमर अब्दुल्ला के बोल, कहा- सब कुछ झूठ दिखाया गया ,सब बर्बाद कर दिया

वहीं, उमर अब्दुल्ला के उक्त बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने उन्हें करारा जवाब दिया। उन्होंने उमर के बयान पर ट्वीट कर कहा कि, अमित लिखते हैं कि इंदिरा गांधी ने जगमोहन को 1984 में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया था।

नई दिल्ली। वर्तमान में कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित बनी द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर प्रतिक्रियाओं का सिलसिला जारी है। जहां कुछ लोग इस फिल्म के नाम तारीफों के कसीदे पढ़ रहे हैं और इसे बनाने वाली टीम के कदम को सराहनीय बता रहे हैं, तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें यह फिल्म बिल्कुल भी रास नहीं आ रही है। ये लोग इस फिल्म के नाम दिन रात आलोचनाओं का पाठ पढ़ रहे हैं। इस फिल्म की भत्सर्ना करना, अब ये लोग अपना मूलभूत कर्तव्य समझ रहे हैं। ऐसे लोगों की जमात बढ़ती ही जा रही है, लेकिन इस फिल्म की लोकप्रियता पर कितना असर पड़ रहा है, ये अब तक की फिल्म से हुई कमाई से ही जाहिर हो रही है। आपको तो पता ही होगा कि महज सात दिन के अंदर इस फिल्म ने 100 करोड़ की कमाई का रिक़ॉर्ड बनाकर फिल्म के नाम आलोचनाओं का पाठ पढ़ने वाले लोगों का मुंह बंद करके रख दिया है। फिलहाल तो ऐसे लोगों की फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन अब इस फेहरिस्त में एक और चर्चित शख्स जुड़ गया है, जिसका नाम उमर अब्दुल्ला है, ये वही उमर अब्दुल्ल है, जो किसी ना किसी मसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने में जुटे ही रहते हैं। चलिए, अब आगे आपको बताते हैं कि आखिर उन्होंने चर्चित फिल्म द कश्मीर फाइल्स के संदर्भ में क्या कुछ कहा है।

kashmir files

फिल्म को झूठ का पुलिंदा बताया

बता दें कि उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों के पलायन पर बनी फिल्म को झूठ बताया है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में कई घटनाओं को झूठ दिखाया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर फिल्म निर्माता यह कहते कि यह महज डॉकोमेंट्री है, तो इस पर विश्वास भी किया जा सकता था, लेकिन वे तो साफ कहते हैं कि यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है, बल्कि सच्चाई तो इस फिल्म में दिखाई गई घटनाओं से कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों का घाटी से पलायन हुआ। इस बात का अफसोस है हमें। हम उन्हें वापस लाने की दिशा में काम करेंगे, लेकिन हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उन दिनों कश्मीरी पंडितों के अलावा मुस्लिमों और सिखों का भी पलायन हुआ था।

हम उन्हें भी नहीं  भूला सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने तत्कालीन कश्मीरी राजनीतिक व्यवस्थाओं का जिक्र कर कहा कि फिल्म में दिखाया गया है कि नरसंहार के वक्त नेशनल कांफ्रेंस की सरकार थी, बल्कि सच्चाई तो ये है कि उस वक्त कश्मीर में राज्यपाल का शासन था, जिसे बीजेपी समर्थिक वीपी सिंह सरकार का समर्थन प्राप्त था। उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि इस फिल्म ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है। इस फिल्म में सब कुछ गलत तरह से दिखाया है। तो इस तरह से आप देख और समझ सकते हैं कि कैसे इस फिल्म को लेकर दो तरह के गुटों का उदय हो चुका है।

बीजेपी ने दिखाया आईऩा

वहीं, उमर अब्दुल्ला के उक्त बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने उन्हें करारा जवाब दिया। उन्होंने उमर के बयान पर ट्वीट कर कहा कि, अमित लिखते हैं कि इंदिरा गांधी ने जगमोहन को 1984 में जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया था। वहीं, 1989 में अपना इस्तीफा देने से पहले जगमोहन ने राजीव गांधी को चेतावनी दी थी कि घाटी में इस्लामिक बादल छा रहे थे।  इसके बाद राजीव गांधी ने जगमोहन को लोकसभा का टिकट दिया था, लेकिन उन्होंने वो लेने से मना कर दिया।