नई दिल्ली। जाति आधारित जनगणना और आरक्षण पर फैसले के बाद बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली कैबिनेट ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। नीतीश कुमार ने खुद इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की और केंद्र सरकार से इस मांग को जल्द पूरा करने का आग्रह किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा की गई
नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक लंबी पोस्ट के जरिए फैसले की जानकारी दी। अपने पोस्ट में उन्होंने बताया कि आज की कैबिनेट बैठक में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया. उन्होंने आगे लिखा कि वह केंद्र सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि बिहार के लोगों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को जल्द मंजूरी दी जाए।
नीतीश कुमार की सरकार ने बढ़ाया आरक्षण
- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण सीमा 16% से बढ़ाकर 20% की गई
- अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण सीमा 1% से बढ़ाकर 2% की गई
- अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण सीमा 18% से बढ़ाकर 25% की गई
- पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण सीमा 12% से बढ़ाकर 18% की गई
- सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाकर 65% की गई
- सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए 10% आरक्षण लागू रहेगा।
- बिहार में इन सभी श्रेणियों के लिए कुल आरक्षण सीमा 75% तक बढ़ा दी गई है.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की पुनः मांग की।
देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जाति के लिये आरक्षण सीमा को 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत,…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) November 22, 2023
रोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता
नीतीश कुमार ने अपने पोस्ट में जानकारी साझा करते हुए बताया कि जाति आधारित जनगणना के माध्यम से सभी श्रेणियों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख आर्थिक रूप से वंचित परिवार हैं। इनमें से प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को रोजगार के लिए 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा, 63,850 बेघर और भूमिहीन परिवारों के लिए जमीन की वित्तीय सीमा 60,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। इन परिवारों को घर बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे। नीतीश कुमार ने कहा कि इन योजनाओं को पूरा करने के लिए लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और इसलिए, बिहार केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा मांग रहा है।