नई दिल्ली। सर्दियों का मौसम अभी ठीक से आया भी नहीं है लेकिन इसकी एक झलकभर से ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर भयानक हो गया है। सर्दियों के मौसम की आहट के साथ ही देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में वायु प्रदूषण (Air Pollution) की समस्या बढ़ने लगी है। हालत ये है कि दिल्ली में अभी से ही लोगों को सांस लेने में समस्या हो रही है। हालांकि सरकार की तरफ से कई प्रयास किए गए लेकिन इसका असर होता दिखाई नहीं दे रहा है।बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। वहीं दिल्ली सरकार ने पराली और पावर प्लांट को बंद करने की मांग करते हुए कई तरह के कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बावजूद इसके दिल्ली के अलग अलग इलाकों के एयर क्वालिटी इंडेक्स में हवा का स्तर ख़राब का निशान पार होता नज़र आ रहा है। दिल्ली के आईटीओ इलाके में शुक्रवार को हवा का स्तर 285 पाया गया। जोकि ख़राब की श्रेणी में आता है।
वहीं दिल्ली के बाकी इलाकों पर गौर करें तो दिल्ली के आरके पुरम इलाके में शुक्रवार को हवा का स्तर 243 दर्ज किया गया। ये भी ख़राब की श्रेणी में आता है। इसके अलावा शुक्रवार को आनंद विहार इलाके में भी हवा का स्तर खराब श्रेणी में रहा। यहां हवा का स्तर 259 दर्ज किया गया।
दिल्ली में प्रदूषण कम किया जा सके, इसके लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सीपीसीबी की 52 टीमें बनाई हैं, जो दिल्ली से लगे राज्यों में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी में जाएंगी और वहां पर प्रदूषण के स्तर का जायजा लेंगी। ये सभी टीम गुरुवार को रवाना हो गई हैं। जिसस जगह पर निर्माण कार्य हो रहे हैं, ऐसी जगहों पर ये टीमें जाकर जांच करेंगी। वहां जाकर ये टीमें देखेंगी कि, कहीं पर्यावरण मंत्रालय के द्वारा जारी निर्देशों उल्लंघन तो नहीं हो रहा। सीपीसीबी की इस टीम के बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने खुद जानकारी दी है।
इसके अलावा शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पराली से प्रदूषण को रोकने के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर होंगे जो पंजाब, हरियाणा और यूपी में पराली जलने के मामलों की मॉनिटरिंग करेग। बता देंं कि पराली मसले को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें देश की सर्वोच्च अदालत ने एक सदस्यीय समिति का गठन किया।