लखनऊ। ‘चौरी चौरा’ घटना के 100 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी को शताब्दी समारोह का उद्धघाटन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इस घटना पर एक डाक टिकट भी जारी करेंगे जो आम लोगों को इस घटना की याद दिलाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम राज्य के सभी 75 जिलों में 4 फरवरी 2021 से शुरू होगा और 4 फरवरी 2022 तक जारी रहेगा। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे। आपको बता दें कि, 4 फरवरी 1922 को हुई इस घटना में भारतीयों ने ब्रिटिश पुलिस चौकी में आग लगा दी थी जिसमे चौकी के अंदर छुपे हुए 23 पुलिसकर्मी जिंदा जल के मर गए थे। जिसके बाद महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था। इसी घटना के बाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक नया अध्याय जुड़ा और भारत की आजादी में शामिल क्रांतिकारियों की ‘नरम दल’ और ‘गरम दल’ बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी 2021 को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तर प्रदेश के चौरी चौरा में शताब्दी समारोह का उद्घाटन करेंगे: प्रधानमंत्री कार्यालय pic.twitter.com/GpJftWGcca
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 2, 2021
बता दें कि जंगे आजादी के पहले संग्राम (1857) में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ पूर्वांचल के तमाम रजवाड़ों/जमीदारों (पैना, सतासी, बढ़यापार नरहरपुर, महुआडाबर) की बगावत में शामिल रजवाड़ों और जमींदारों को अपने राजपाट और जमीदारी से हाथ धोना पड़ा। ऐसे लोग आवाम के हीरो बन चुके थे। इनके शौर्यगाथा सुनकर लोगों के सीने में फिरंगियों के खिलाफ बगावत की आग लगातार सुलग रही थी। उसे भड़कने के लिए महज एक चिंगारी की जरूरत थी। ऐसे ही माहौल में उस क्षेत्र में महात्मा गांधी का आना हुआ।
1917 में वह नील की खेती (तीन कठिया प्रथा)के विरोध में चंपारन आना हुआ था। उनके आने के बाद से पूरे देश की तरह पूर्वांचल का यह इलाका भी कांग्रेसमय होने लगा था। एक अगस्त 1920 को बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के बाद गांधीजी कांग्रेस के सर्वमान्य नेता बनकर उभरे। स्वदेशी की उनकी अपील का पूरे देश में अप्रत्याशित रूप से प्रभावित हुआ। चरखा और खादी जंगे आजादी के सिंबल बन गये।