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Covid Cases In India: देश में मिले 752 और कोरोना मरीज, 4 लोगों ने कोविड से गंवाई जान; जेएन.1 वैरिएंट का ज्यादा असर नहीं

फिलहाल लग रहा है कि जेएन.1 कोरोना वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है। जेएन.1 वैरिएंट अभी अन्य राज्यों में नहीं मिला है, लेकिन केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के लिए कहा है। ताकि जेएन.1 वैरिएंट के प्रसार पर नजर रखी जा सके।

नई दिल्ली। देश में कोरोना यानी कोविड के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को कोरोना के और 752 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही भारत में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या भी बढ़कर 3000 के पार हो गई है। बीते 24 घंटे में 4 और कोरोना मरीजों की मौत हो गई। इससे कोरोना से अब तक भारत में जान गंवाने वालों की संख्या 533331 हो गई है। कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 98.8 है। इस तरह देखा जाए, तो मौतों का आंकड़ा फिलहाल कम ही है और ज्यादातर मरीज ठीक हो रहे हैं। हालांकि, कोरोना के नए जेएन.1 वैरिएंट को लेकर सरकार गंभीर नजर आ रही है। कोराना का जेएन.1 वैरिएंट अभी गोवा और केरल में पाया गया है।

Coronavirus

कोरोना यानी कोविड का जेएन.1 वैरिएंट पहले चीन और सिंगापुर में मिला था। इसके बाद ब्रिटेन और अमेरिका में इसके मरीज मिले थे। भारत में सिर्फ 2 राज्यों में अभी इस वैरिएंट के मरीज मिले हैं। जेएन.1 वैरिएंट के 21 कोरोना मरीज गोवा में मिले। जबकि, एक मरीज केरल में मिला। गोवा में मिले सभी मरीज ठीक हो चुके हैं। इनको सिर्फ गले में खराश और सर्दी जैसे लक्षण हुए थे। जेएन.1 वैरिएंट के गोवा में जो भी मरीज मिले, उनमें से किसी को भी सांस लेने में दिक्कत या बुखार का सामना नहीं करना पड़ा। ऐसे में फिलहाल लग रहा है कि जेएन.1 कोरोना वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है। जेएन.1 वैरिएंट अभी अन्य राज्यों में नहीं मिला है, लेकिन केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के लिए कहा है। ताकि जेएन.1 वैरिएंट के प्रसार पर नजर रखी जा सके। अच्छी बात ये है कि कोविड के जो भी वैक्सीन अब तक लोगों को लगाए गए हैं, वो इस जेएन.1 से बचाव करने में सक्षम बताए जा रहे हैं।

Corona

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक जेएन.1 वैरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट है। यानी इस पर नजर रखी जानी चाहिए। इस वैरिएंट ने सिंगापुर में 55000 से ज्यादा लोगों को चपेट में लिया है। चीन में हालांकि इस वैरिएंट के मामले कम हैं। वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन में जेएन.1 वैरिएंट के सैकड़ों मरीज मिले हैं। ये वैरिएंट पहले के ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही दूसरा रूप है। जेएन.1 नाम का ये वैरिएंट ओमिक्रॉन के मुकाबले ज्यादा तेजी से प्रसार करता है।