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Opposition Against Modi: एकजुट होने से पहले आपस में ही भिड़ा विपक्ष! राहुल पर ममता ने साधा निशाना तो जयराम ने भी ठोकी ताल

ममता ने तो राहुल के खिलाफ रविवार को बिगुल फूंका ही है। इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कांग्रेस पर तमाम टीका-टिप्पणी कर चुके हैं। तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव भी कांग्रेस के साथ जाने को लेकर असहज दिखते रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में सभी विपक्षी दलों का एक होना अभी सपने जैसा लग रहा है।

नई दिल्ली। कहां तो बात पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी को अगले लोकसभा चुनाव में हराने के लिए विपक्ष की एकता की हो रही थी, लेकिन अब विपक्ष के नेताओं के बीच ही एकता के नाम पर आपस में ही टकराव होता दिख रहा है। रविवार को टीएमसी की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वो पीएम मोदी के लिए टीआरपी की तरह हैं। ममता ने कहा था कि अगर राहुल गांधी विपक्ष के नेता बने रहे, तो मोदी को कोई हरा नहीं सकेगा और बीजेपी भी यही चाहती है। ममता बनर्जी ने ये बयान सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के एक दिन बाद दिया। वहीं, ममता का बयान आने के बाद कांग्रेस से जयराम रमेश मैदान में उतरे और उन्होंने फिर कांग्रेस के नाम पर डंका पीट दिया।

Jairam Ramesh

जयराम रमेश ने पीटीआई से बातचीत में ममता के बयान के उलट कहा कि विपक्ष का गठबंधन बना, तो उसमें कांग्रेस की मुख्य भूमिका होगी। जयराम रमेश ने कहा कि टीएमसी, सपा और अन्य दलों के लोग मुलाकात करते रहेंगे और तीसरा-चौथा मोर्चा भी बनता रहेगा। फिर भी विपक्ष में कांग्रेस के बगैर कोई भी मोर्चा बनाना असंभव है। इस साल होने वाले कर्नाटक, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभा चुनाव के बारे में जयराम रमेश का कहना था कि फिलहाल कांग्रेस इस पर फोकस करेगी। जिसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव के बारे में बात होगी।

mamata banerjee and akhilesh yadav

ममता बनर्जी के राहुल गांधी के बारे में दिए गए बयान पर जयराम रमेश ने ये कहते हुए कोई टिप्पणी करने से इनकार किया कि टीएमसी हमारे साथ नहीं है और उनकी अपनी वजहें होंगी। जाहिर है, कांग्रेस अब भी इस कोशिश में है कि ममता बनर्जी समेत अन्य विपक्षी दलों को कांग्रेस के नेतृत्व में साथ लाया जा सके, लेकिन ऐसा होता फिलहाल दिख नहीं रहा। ममता ने तो राहुल के खिलाफ रविवार को बिगुल फूंका ही है। इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी कांग्रेस पर तमाम टीका-टिप्पणी कर चुके हैं। तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव भी कांग्रेस के साथ जाने को लेकर असहज दिखते रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में सभी विपक्षी दलों का एक होना अभी गहरी नींद के सपने जैसा ही लग रहा है।