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Opposition Meeting In Bengaluru: बेंगलुरु में आज से विपक्षी दलों की बैठक, सीट बंटवारे समेत इन अहम मुद्दों पर होगी चर्चा

अगले साल यानी 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले क्या विपक्ष का गठबंधन धरातल पर पूरी ताकत से उतरेगा? क्या विपक्षी एकता का मतलब पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ हर सीट पर एक ही विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर दिखेगा? विपक्ष की आज से बेंगलुरु में 2 दिन की बैठक से पहले ये सवाल उठ खड़े हुए हैं।

बेंगलुरु। अगले साल यानी 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले क्या विपक्ष का गठबंधन धरातल पर पूरी ताकत से उतरेगा? क्या विपक्षी एकता का मतलब पूरे देश में बीजेपी के खिलाफ हर सीट पर एक ही विपक्षी उम्मीदवार के तौर पर दिखेगा? क्या इस बार विपक्षी दल अपने आपसी मनमुटाव को पूरी तरह दूर कर 1977 जैसा करिश्मा दिखा सकेंगे? इनके अलावा और भी कई सवाल हैं, जिनका जवाब आज और कल बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक से बाहर आ सकते हैं। बेंगलुरु से पहले पटना में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। इस बैठक में समन्वय पर सहमति थी, लेकिन बहुत कुछ तय नहीं हो सका था। अब दो दिन होने वाली बैठक में कुछ और मसलों पर विपक्षी दलों के बीच आम राय बनने की उम्मीद है।

mamata and sharad pawar

विपक्षी दलों की आज शाम 6 बजे से 8 बजे तक बैठक होगी। इसके बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारामैया की तरफ से दिए जा रहे रात्रिभोज में विपक्षी नेता हिस्सा लेंगे। इस रात्रिभोज में एनसीपी के शरद पवार और टीएमसी की सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगे। शरद पवार के कुनबे में बीते दिनों ही बगावत हुई है और ममता का कहना है कि उनके घुटने की सर्जरी हुई है। इसके बाद कल यानी मंगलवार को विपक्षी दलों की बड़ी और लंबे समय तक बैठक चलेगी। मंगलवार को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक विपक्षी नेता बैठकर मुद्दों पर चर्चा करेंगे। विपक्ष की बैठक में 24 दलों के हिस्सा लेने की बात कही जा रही है। इस बार सोनिया गांधी भी बैठक में हिस्सा ले रही हैं। वहीं, अध्यादेश मामले में कांग्रेस का साथ मिलने के कारण अरविंद केजरीवाल भी बैठक में शामिल हो रहे हैं।

sonia and rahul gandhi

अब विपक्ष की बैठक का एजेंडा भी आपको बताते हैं। विपक्ष के एजेंडे में गठबंधन का नाम तय करना है। हालांकि, सीपीआई के नेता डी. राजा ने बीते दिनों बताया था कि गठबंधन का नाम पीडीए रखा गया है। इसके अलावा बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के लिए कमेटी बनाने, विभिन्न दलों की की रैलियों और विरोधाभासों को दूर करने के लिए कमेटी का गठन, राज्यों में सीट साझा करने पर चर्चा, ईवीएम पर चर्चा और गठबंधन के लिए सचिवालय बनाने पर बात होने वाली है। इनमें सबसे अहम राज्यों में सीट साझा करने और विरोधाभासों को दूर करने के लिए कमेटी बनाना शामिल है। अगर ये बातें तय हो गईं, तो विपक्ष काफी मजबूत होकर उभर सकता है।