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No-Confidence Motion Against VP: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, जानें क्या कहते हैं नियम

No-Confidence Motion Against VP: विपक्षी दलों द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव के बाद यह सवाल उठता है कि क्या उपराष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए कई संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का पालन करना होगा।

नई दिल्ली।। मंगलवार को विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। इस प्रस्ताव पर अब तक 70 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि सभापति जगदीप धनखड़ अपने कार्यों में पक्षपात कर रहे हैं।

क्या उपराष्ट्रपति को हटाना संभव है?

विपक्षी दलों द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव के बाद यह सवाल उठता है कि क्या उपराष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए कई संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का पालन करना होगा।

उपराष्ट्रपति को हटाने के नियम

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत, उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए राज्यसभा में प्रभावी बहुमत से प्रस्ताव पारित करना होगा। इसके बाद लोकसभा से इस प्रस्ताव पर साधारण बहुमत की सहमति लेना आवश्यक है।

अनुच्छेद 67(बी) के प्रमुख प्रावधान:

  • उपराष्ट्रपति को हटाने का प्रस्ताव लाने से पहले 14 दिन का नोटिस देना अनिवार्य है।
  • प्रस्ताव केवल राज्यसभा में पेश किया जा सकता है और इसे राज्यसभा के तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित करना होगा।
  • राज्यसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद इसे लोकसभा में साधारण बहुमत से पारित किया जाना चाहिए।
  • जब यह प्रस्ताव सदन में विचाराधीन हो, उस समय उपराष्ट्रपति सदन की अध्यक्षता नहीं कर सकते।


वर्तमान स्थिति और चुनौती

राजनीतिक समीकरणों पर नजर डालें तो लोकसभा में एनडीए के पास 293 सदस्य हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A) के पास 236 सदस्य हैं। बहुमत के लिए 272 का आंकड़ा जरूरी है। इंडिया गठबंधन को 14 अन्य सांसदों का समर्थन मिलने पर भी यह प्रस्ताव पास कराना मुश्किल होगा।