
बेंगलुरु। AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को हिंदू-मुस्लिम राग गाने के लिए बस मौका मिलना चाहिए। ऐसा मौका एक बार फिर उनको मिल गया है। वजह बना है केंद्र की मोदी सरकार का एक आदेश। मंगलवार को केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान में पाकिस्तान से लगती सीमा के पास के इलाकों में सर्वे के आदेश दिए गए हैं। इस सर्वे में पता किया जाएगा कि यहां आबादी कितनी है, उसमें किस समुदाय के कितने लोग हैं, ऐसा तो नहीं कि एक समुदाय के लोग पिछले कुछ साल में ज्यादा हो गए हैं? इसी पर ओवैसी भड़क गए और मुस्लिम उत्पीड़न का राग गाने लगे।
ओवैसी ने केंद्र सरकार के इस सर्वे आदेश को पर्दे के पीछे से की जा रही एनआरसी NRC करार दिया। उन्होंने इस सर्वे पर सवाल खड़े किए और इसे अपने पुराने अंदाज में मुसलमानों के उत्पीड़न से जोड़ दिया। ओवैसी ने इससे आगे कहा कि हलाल मांस खतरा है, मुसलमान की दाढ़ी खतरा है, मुसलमान की टोपी भी खतरा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी मुस्लिमों की पहचान के खिलाफ है। पीएम कहते हैं कि सबका साथ और सबका विकास, लेकिन ये जुबानी बातों के सिवा कुछ नहीं है। ओवैसी ने इसके अलावा भी अपने बयान में बीजेपी को घेरने की कोशिश की। सुनिए ओवैसी ने क्या कहा।
#WATCH हलाल मांस ख़तरा है, मुसलमान की दाढ़ी ख़तरा है, मुसलमान की टोपी ख़तरा है, भाजपा मुस्लिम पहचान के ख़िलाफ है। दिल्ली में प्रधानमंत्री कहते हैं सबका साथ और सबका विकास लेकिन ये सब ज़बानी बातें हैं: AIMIM सांसद व प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कर्नाटक pic.twitter.com/3pcQFhSr2M
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2022
बता दें कि ओवैसी और उनकी पार्टी मुस्लिमों के मुद्दे उठाकर राजनीति करती रही है। उन्होंने यूपी में मदरसों के सर्वे के खिलाफ भी बयान देते हुए इसे बीजेपी की योगी सरकार की साजिश बताया था। ओवैसी ने इस्लामी आक्रांता महमूद गजनवी की भी खूब तारीफ की थी और उसे मुसलमानों के इल्म के साथ जोड़ा था। ओवैसी कई बार विवादित बयान भी दे चुके हैं। जिस वजह से सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें फटकार भी लगाते रहे हैं। उनके भाई अकबरुद्दीन भी सांप्रदायिक बयान देने के मामले में घिरे थे। हालांकि, उनको कोर्ट से राहत मिल गई।