मधेपुरा। इस समय देश कोरोना वायरस के कहर से गुजर रही है। बिहार में इस घातक महामारी का सबसे ज्यादा प्रकोप बिहार में देखने को मिल रहा है। सरकार और प्रशासन विधाओं की बखान करते नहीं थकती, ऐसे में मधेपुरा में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है।
दरअसल, एक एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं रहने के कारण मरीज की मौत हो जाती है। मामला बिहार के मधेपुरा मेडिकल कालेज से जुड़ा है। बीते 2 अगस्त को अररिया जिले के नरपतगंज निवासी बलदेव लाल देव को कोरोना संक्रमित होने पर जेकेटीएमसीएच मधेपुरा में भर्ती कराया गया था। उन्हें वेंटिलेटर की जरुरत थी।
परिजनों के मुताबिक, करीब 15 मिनट वेंटिलेटर पर रखने के बाद ही वेंटिलेंटर का प्लग खराब हो गया। ईश्वक की कृपा से वे बिना वेंटिलेंटर के ही सिर्फ ऑक्सीजन पर कोरोना से जंग जीत लिए। उम्र अधिक थी तो सांस लेने में तकलीफ बरकरार रही। चिकित्सकों ने कोरोना टेस्ट निगेटिव आने पर पटना रेफर कर दिया। मृतक का पोता मेडिकल कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराए लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस से अपने दादा को लेकर पटना के लिए निकल गया लेकिन मधेपुरा से करीब 22 किलोमीटर दूर त्रिवेणीगंज के आसपास एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गयी।
इसके बाद त्रिवेणीगंज अस्पताल पहुंचते-पहुंचते ही मरीज की मौत हो गयी। इस घटना के बाद एम्बुलेंस का चालक भी फरार हो गया जिसके कारण 4 घंटे तक शव एम्बुलेंस में पड़ा रहा। इस दौरान मृतक के पोता ने कई वरीय अधिकारी को फोन भी किया लेकिन घंटों तक कोई सहायता नहीं मिली।
बलदेव लाल की मौत ने स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही की पोल खोल कर रह दी है। मृतक के पोते आयुष कुमार ने अपने दादा की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज में कोरोना के मरीजों के इलाज में लापरवाही का भी आरोप लगाया है। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का पक्ष फिलहाल नहीं मिल सका है।