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Pakistan Fired Nuclear-Capable Shaheen Ballistic Missile At India : पाकिस्तान ने भारत पर दागी थी परमाणु क्षमता संपन्न शाहीन बैलिस्टिक मिसाइल, जानिए कहां था टारगेट

Pakistan Fired Nuclear-Capable Shaheen Ballistic Missile At India : बड़ी बात यह है कि भारतीय एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम ने पाकिस्तान की शाहीन बैलिस्टिक मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लिया। भारत ने एस-400 के साथ स्वदेशी आकाश डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए शाहीन बैलिस्टिक मिसाइल को ध्वस्त किया। इससे भारत की बैलिस्टिक मिसाइल शील्ड क्षमता की मजबूती भी सामने आ गई।

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हाल ही में हुए संघर्ष के बाद अब इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने परमाणु क्षमता से संपन्न शाहीन बैलिस्टिक मिसाइल से भारत पर हमला पर किया था। भारतीय सेना की तरफ से पाकिस्तानी मिसाइल अटैक का वीडियो जारी किया गया है। बड़ी बात यह है कि भारतीय एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम ने पाकिस्तान की शाहीन बैलिस्टिक मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लिया। भारत ने एस-400 के साथ स्वदेशी आकाश डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए शाहीन बैलिस्टिक मिसाइल को ध्वस्त किया। इसके अलावा पाकिस्तान ने चीन के ए-100 और फतह I और फतह II मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल भी किया था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने भारत की राजधानी दिल्ली में किसी टारगेट को सेट करते हुए शाहीन बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी। मगर भारतीय सेना ने मुस्तैदी दिखाते हुए जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की और हमले को विफल किया। बता दें कि शाहीन अलग अलग क्षमताओं वाली बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। इसकी रेंज 750 किलोमीटर से और इसका पेलोड 1000 किलोग्राम से शुरू होता है। आशंका जताई जा रही है कि भारत के खिलाफ शाहीन-2 का इस्तेमाल किया गया, जिसकी सटीकता 50 मीटर के अंदर है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तान ने नूर खान एयरबेस से शाहीन को लॉन्च किया था।

वहीं अब इस बात पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर शाहीन मिसाइल दागी गई तो उसका मलबा सेना ने क्यों नहीं दिखाया जैसा कि दूसरी मिसाइलों का दिखाया है तो इसकी वजह यह है कि शाहीन मिसाइल को तब इंटरसेप्ट किया गया होगा जब वह पृथ्वी के वातावरण से बाहर होगी और ऐसे में अत्यधिक ऊंचाई पर नष्ट के कारण उसका मलबा धरती पर गिरने से पहले ही जल गया। यही कारण है कि शाहीन मिसाइल का ठोस मलबा दिखाई नहीं दिया। वहीं भारत की बैलिस्टिक मिसाइल शील्ड क्षमता की मजबूती भी सामने आ गई।