नई दिल्ली। मौजूदा दौर में भारत को सामरिक मोर्चे पर विभिन्न दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं पाकिस्तान से वित्त पोषित आतंकवादियों का तो कहीं नक्सलवादियों का तो कहीं अलगाववादियों का तो कहीं खालिस्तानियों का। लेकिन पिछले कुछ दिनों से केंद्र की मोदी सरकार ने खालिस्तानियों के विरोध में अभियान छेड़ दिया है। इसी अभियान के तहत बीते दिनों खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को पुलिस ने पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार किया था। फिलहाल, वह असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है ,जहां उसके अन्य साथी भी हैं।
अब इस बीच खालिस्तानियों को गहरी चोट पहुंचाने वाली खबर आई है। दरअसल, खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई। सनद रहे कि पंजवड़ कोई और नहीं, बल्कि यह वही शख्स है, जो समय-समय पर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है। वह पिछले लंबे समय से पाकिस्तान में नाम बदलकर रह रहा था, ताकि कोई इसे पहचान ना सकें। वहीं से खालिस्तानी गतिविधियों को अंजाम देता था। आइए, आगे जानते हैं कैसे हुई हत्या? मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, परमजीत सिंह पंजवड़ को लाहौर में कुछ बाइक सवारों ने निशाना बनाकर मौत के घाट उतारा है। उसे जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोली मारी गई। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। उधर, परमजीत पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। आइए, आगे जानते हैं आखिन कौन था परमजीत सिंह पंजवड़?
Wanted terrorist and #Khalistan Commando Force (KCF) chief Paramjit Singh Panjwar alias Malik Sardar Singh shot in the Head near his house in Johar town, #Lahore #Pakistan. Though he was known for his threat speeches towards India, Paramjit ran for 200 mts while crying for help. pic.twitter.com/bkihGsE8Iu
— Nepal Correspondence (@NepCorres) May 6, 2023
आखिर कौन था परमजीत सिंह पंजवड़
आपको बता दें कि परमजीत सिंह पंजवड़ खालिस्तान कमांडो फोर्स का सरगना था। यह एक आतंकी संगठन है, जो कि नब्बे के दशक से ही खालिस्तानी गतिविधियों को फलीभूत करने में जुटा है। बताया जाता है कि वह 1986 में पाकिस्तान गया था। जहां उसने लाहौर समेत कई ठिकाने बदले। इतना ही नहीं, वो कई बार अपने नापाक मंसूबों को धरातल पर भी उतार चुका है, जिसके बारे में आगे हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में बताने जा रहे हैं।
परजमीत सिंह पंजवड़ के बारे में बताया जाता है कि उसने अपने जीवन काल में कई हमलों को अंजाम दिया, जिसमें से एक हमला चंडीगढ़ का बल ब्लास्ट भी शामिल है। 1999 में पासपोर्ट कार्यालय के पास जो बम ब्लास्ट हुआ था, उसमें किसी और का नहीं, बल्कि उसी का हाथ था। इस हमले की जद में आकर 4 लोगों की मौत हो गई थी।