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एकल अभियान को जनांदोलन बनाने के लिए हो रहा है ‘परिवर्तन कुंभ’ का आयोजन : लक्ष्मी नारायण गोयल

देश के ग्रामीण, वनवासी और वंचित तबकों के 30 लाख से ज्यादा बच्चों को बुनियादी शिक्षा से भारत निर्माण में जुटे ‘एकल अभियान’ को जनांदोलन में बदलने का शंखनाद होने जा रहा है।

नई दिल्ली। देश के ग्रामीण, वनवासी और वंचित तबकों के 30 लाख से ज्यादा बच्चों को बुनियादी शिक्षा से भारत निर्माण में जुटे ‘एकल अभियान’ को जनांदोलन में बदलने का शंखनाद होने जा रहा है। लखनऊ में 16 से 18 फरवरी के बीच हो रहे ‘परिवर्तन कुंभ’ के पहले दिन उत्तर भारत के 20 हजार गांवों से 1 लाख से ज्यादा स्वराज सैनिक रमाबाई अंबेडकर मैदान पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में शिक्षा का अलख जगा रहे ‘एकल अभियान’ के काम की लगातार सराहना करते रहे हैं।Ekal Abhiyan Parivartan Kumbh Laxmi Narayan Goyalभारत लोक शिक्षा परिषद के न्यासी और न्यास बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण गोयल ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में परिवर्तन कुंभ की जानकारी देते हुए बताया कि पहले दिन 16 फरवरी को रमाबाई अंबेडकर मैदान में उत्तर भारत के 20 हजार गांवों से एक लाख से ज्यादा स्वराज सैनिक स्वराज सेनानी सम्मेलन के लिए एकत्रित होंगे।
Ekal Abhiyan Parivartan Kumbh Laxmi Narayan Goyal

लक्ष्मी नारायण गोयल ने बताया कि अगले दो दिनों में डॉ राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के डॉ अंबेडकर सभागार में परिवर्तन कुंभ की शुरुआत होगी जिसमें अगले पांच साल की कार्ययोजना पर मंथन के साथ ही गत पांच वर्षों में हासिल उपलब्धियों की समीक्षा की जायेगी। सामाजिक परिवर्तन की मिसाल ‘एकल अभियान’ का शुभारंभ 30 वर्ष पहले किया गया था। वर्ष 1989 में केवल एक विद्यालय से शुरू अब एकल विद्यालयों की संख्या एक लाख को पार कर गई है।Ekal Abhiyan Parivartan Kumbh Laxmi Narayan Goyal

उन्होंने बताया कि शिक्षित समाज निर्माण के साथ ही पर्यावरण को सुधारने की दिशा में लखनऊ कुंभ से ‘एक छात्र-एक पेड़’ गोद लेने के अभियान का आह्वान भी होगा। उन्होंने बताया कि अभियान का विस्तार अब 27 राज्यों के 360 जिलों में हो चुका है और एक लाख से अधिक एकल विद्यालय हैं। पिछले पांच वर्षों में एकल विद्यालयों की संख्या में करीब दोगुना बढ़ोतरी हुई है। इन विद्यालयों में 30 लाख से अधिक छात्रों को बुनियादी शिक्षा के साथ ‘राष्ट्र धर्म सर्वोपरि’ और संस्कारों की भी शिक्षा दी जाती है। बचपन से ही कंप्यूटर शिक्षा भी एकल अभियान की शिक्षा पद्धति का अहम हिस्सा है।

अध्यक्ष ने बताया कि तीन दिन के इस आयोजन में लखनऊ महानगर में लघु भारत का दृश्य नजर आयेगा और देश भर के विभिन्न अंचलों में एकल अभियान के तहत चलाए जा रहे कुटीर उद्योगों का संजीव चित्रण करने लिए एक भव्य प्रदर्शन का आयोजन भी किया जायेगा जिसमें कुछ प्रमुख उत्पाद बिक्री के लिए भी उपलब्ध रहेंगे।Ekal Abhiyan Parivartan Kumbh Laxmi Narayan Goyal

इससे पहले एकल अभियान को ग्रामीण और आदिवासी बच्चों की शिक्षा में योगदान के लिए वर्ष 2017 का GANDHI PEACE PRIZE दिया जा चुका है। 26 फरवरी 2019 को माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर एकल के योगदान को सम्मानित किया था।

क्या है ‘एकल अभियान’ और कैसे हो रहा है इसका विस्तार

सामाजिक परिवर्तन की मिसाल ‘एकल अभियान’ की यात्रा शुरू हुए 30 वर्ष पूरे हो गए हैं। 1989 में 30 वर्ष पूर्व मात्र एक विद्यालय से ‘एकल अभियान’ ने शुरूआत की थी। आज एकल अभियान का दायरा इतना विस्तृत हो चुका है कि अब 27 राज्यों के 360 ज़िलों में 1 लाख से ज्यादा एकल विद्यालय हैं। पिछले 5 वर्षों में एकल विद्यालयों की संख्या में लगभग दोगुना वृद्धि हुई है। इन विद्यालयों में 30 लाख से ज्यादा छात्रों को बुनियादी शिक्षा के साथ ‘राष्ट्र धर्म सर्वोपरि’ और संस्कारों की भी शिक्षा दी जाती है। बचपन से ही कंप्यूटर शिक्षा भी एकल अभियान की शिक्षा पद्धति का अहम हिस्सा है।


एकल अभियान अपनी विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के साथ देश के 4 लाख गांवों में बसे 30 करोड़ वन बंधुओं व ग्रामवासियों में विभिन्न योजनाओं जैसे- एकल विद्यालय योजना, आरोग्य योजना, ग्रामोत्थान योजना, ग्राम स्वराज योजना एवं श्रीहरि कथा प्रसार योजना द्वारा शिक्षित, स्वस्थ व समर्थ भारत निर्माण के साथ साथ स्वाभिमान जागरण एवं प्रखर राष्ट्रवाद की भावना प्रबल करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। 1 लाख एकल विद्यालयों के अलावा 66,560 सत्संग केंद्र, 19 कम्प्यूटर वैन, 14 ग्रामोत्थान संस्थान केंद्र, 32 आरोग्य संस्थान केंद्र, 44 श्रीहरि मंदिर रथ प्रभावी रूप से काम कर रहे हें।


एकल अभियान में समाज की भागीदारी अतुलनीय है। 1 लाख से अधिक विद्यालयों के संचालन के खर्च की आर्थिक जिम्मेदारी समाज ही उठा रहा है। ‘परिवर्तन कुंभ’ में इसे और विस्तारित करने की आवश्यकता पर बल दिया जाएगा। राष्ट्रनिर्माण के मिशन में समाज की विभिन्न प्रकार की सहभागिता निरंतर बढ़ाते रहने की आवश्यकता है। इस प्रकार एकल को जन-आंदोलन में बदलने के लिए समाज की अलग अलग संस्थाओं, व्यक्तियों से एक छात्र एक पेड़ गोद लेने की अपील परिवर्तन कुंभ से की जाएगी। यह विशेष अभियान देश भर में चलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक जनमानस एकल के प्रयासों से जुड़ सके। अभियान के तहत कोई भी व्यक्ति/ संस्था ‘एक छात्र-एक पेड़’ गोद लेकर, शिक्षित समाज निर्माण के साथ पर्यावरण की रक्षा भी कर सकता है।

इस आयोजन के विशेष आकर्षणEkal Abhiyan Parivartan Kumbh Laxmi Narayan Goyal

– 16 फरवरी को 20 हजार गांवों से सभी दिशाओं से भव्य शोभायात्रा रमाबाई अंबेडकर मैदान पहुंचेगी

-सामाजिक समरसता और शाश्वत भारतीय ग्राम्य संस्कृति की प्रखर झांकी

-भारत और विदेशों में कार्यरत एकल अभियान के सेवाव्रती, वानप्रस्थी कार्यकर्ताओं एवं निस्वार्थ भाव से संलग्न नगर व ग्राम संगठन के हजारों कार्यकर्ताओं का अदभुत संगम

-संपूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों में एकल अभियान द्वारा चलाए जा रहे कुटीर उद्योगों का सजीव चित्रण करने हेतु भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें कुछ प्रमुख उत्पाद भी बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।

-लखनऊ महानगर में लघु भारत का दृश्य परिदर्शित होगा

इस पूरे आयोजन का कार्यक्रम विवरण इस प्रकार हैEkal Abhiyan Parivartan Kumbh Laxmi Narayan Goyal

-स्वराज सेनानी सम्मेलन
16 फरवरी 2020, 11 बजे से 3 बजे
रमाबाई अंबेडकर मैदान, लखनऊ

-परिवर्तन कुम्भ
17-18 फरवरी 2020
डॉ. अंबेडकर सभागार, डॉ. राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ