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Budget session: बजट अभिभाषण में राष्ट्रपति ने गिनाई मोदी सरकार की उपलब्धियां, जानिए बड़ी बातें

Budget Session 2021: संसद का बजट सत्र आज से शुरू होने जा रहा है। इस सत्र का हंगामेदार होना तय माना जा रहा है, क्योंकि विपक्षी दलों ने तीन नये कृषि कानूनों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र का हंगामेदार होना तय माना जा रहा है, क्योंकि विपक्षी दलों ने तीन नये कृषि कानूनों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। वहीं बजट सत्र से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) संसद की दोनों सदनों को संबोधित किया। शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति कोविंद ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश में 1.5 करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इससे इन गरीबों के 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा, खर्च होने से बचे हैं। मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है।

राष्ट्रपति के अभिभाषण की अहम बातें –

आइए, हम सब मिलकर आगे बढ़ें, सभी देशवासी मिलकर आगे बढ़ें। अपना कर्तव्य निभाएं और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें, आइए, भारत को आत्मनिर्भर बनाएं।

मेरी सरकार ने दिखाया है कि नीयत साफ हो, इरादे बुलंद हों तो बदलाव लाया जा सकता है। इन वर्षों में मेरी सरकार ने जितने लोगों के जीवन को छुआ है, वह अभूतपूर्व है। हर गरीब का घर रौशन हो, इसके लिए ढाई करोड़ से अधिक बिजली कनेक्शन निशुल्क दिए गए। घर में काम करने वाले भाई-बहन, गाड़ी चलाने वाले, जूता सिलने वाले, कपड़ा प्रेस करने वाले, खेतिहर मजदूर, ऐसे गरीब साथियों को भी पेंशन मिले, इसके लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना चलाई गई। गरीब को बैंकिंग व्यवस्था का लाभ मिले, इसके लिए 41 करोड़ से अधिक गरीबों के जनधन खाते खोले गए। इनमें से आधे से अधिक खाते हमारी गरीब बहनों और बेटियों के हैं।

पिछले कुछ वर्षों में देश ने अनेक ऐसे काम कर दिखाए हैं जिनको कभी बहुत कठिन माना जाता था:  आर्टिकल 370 के प्रावधानों के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों को नए अधिकार मिले हैं। उच्चतम न्यायालय के फैसले के उपरांत भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है। जिस DBT को नजरअंदाज किया जा रहा था, उसी की मदद से पिछले 6 साल में 13 लाख करोड़ रुपए से अधिक धनराशि लाभार्थियों को ट्रांसफर की गई है। कभी हमारे यहां सिर्फ 2 मोबाइल फैक्ट्रियां थीं। आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है।

President Ramnath Kovind

देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव का शुभारंभ भी इसी वर्ष हो जाएगा।

हम सबके पूज्य, गुरु तेगबहादुर का 400वां प्रकाशपर्व भी हम पूरी श्रद्धा के साथ मनाएंगे।

देश ने कुछ दिन पहले 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्म दिवस को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया है। यह वर्ष नेताजी की 125वीं जन्मजयंती का वर्ष भी है।

भारत ने ऐतिहासिक वैश्विक समर्थन हासिल करके इस वर्ष आठवीं बार एक अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में प्रवेश भी किया है। भारत ने 2021 के लिए ब्रिक्स में अध्यक्ष पद भी ग्रहण किया है।

वंदे भारत मिशन, जो दुनिया में इस प्रकार का सबसे बड़ा अभियान है, उसकी सराहना हो रही है। भारत ने दुनिया के सभी हिस्सों से लगभग 50 लाख भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के साथ ही एक लाख से अधिक विदेशी नागरिकों को भी उनके अपने देशों तक पहुंचाया है।

आज देश के 27 शहरों में मेट्रो सेवा के विस्तार के लिए काम चल रहा है। कुछ दिन पहले ही दिल्ली मेट्रो के एक रूट पर ड्राइवरलेस मेट्रो का परिचालन भी किया गया। शहरों में Regional Rapid Transit Systems के निर्माण से भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जा रहा है।

शहरों में गरीबों के लिए स्वीकृत एक करोड़ से अधिक घरों में से करीब 40 लाख का निर्माण पूरा हो चुका है। शहरों में काम करने वाले श्रमिकों को बेहतर आवास मिल सकें इसके लिए उचित किराए वाली योजना भी शुरु की गई है।

देश को Gas Based Economy बनाने के लिए गैस कनेक्‍टिविटी पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही कोच्‍चि-मैंगलुरू गैस पाइपलाइन का लोकार्पण किया गया है। डोभी-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का निर्माण ‘ऊर्जा गंगा’ का प्रवाह बढ़ा रहा है।

यह पाइपलाइन पश्‍चिम बंगाल तक जाएगी और पूर्वी भारत के विभिन्‍न उद्योगों, विशेषकर खाद कारखानों को, गैस उपलब्ध कराएगी। इसी तरह तमिलनाडु के खाद कारखाने और अन्‍य औद्योगिक इकाइयों को गैस पाइपलाइन से जोड़ने के लिए तूतीकोरीन-रामनाथपुरम् गैस पाइपलाइन पर तीव्र गति से कार्य चल रहा है।

दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का गौरव अपने साथ रखने वाले केवड़िया से अब देश के अनेक शहरों से सीधे ट्रेनें भी चलने लगी हैं।

गुजरात के हजीरा और घोघा के बीच शुरू की गई रो-पैक्स फेरी सेवा हो या फिर केवड़िया और साबरमती रिवर फ्रंट के बीच सी-प्लेन सेवा, ये भारत में वॉटर ट्रांसपोर्ट को नया आयाम दे रहे हैं।

देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक रूप देने के लिए मेरी सरकार 110 लाख करोड़ रुपए से अधिक की National Infrastructure Pipeline पर भी काम कर रही है। साथ ही, भारतमाला परियोजना के पहले चरण में छह नए एक्सप्रेस-वे और 18 नए एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर्स का निर्माण चल रहा है।

कुछ दिन पहले ही पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सेक्शंस, देश को समर्पित किए गए हैं। ये फ्रेट कॉरिडोर पूर्वी भारत में औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देने के साथ ही रेल यात्रा में होने वाली अनावश्यक देरी को भी कम करेंगे।

चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल हो, अटल टनल हो या फिर चार धाम सड़क परियोजना, हमारा देश विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता रहा।

कोरोना के इस काल में, प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी, उससे भी अब देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है।

मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है। इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफेक्चरिंग में दिखने भी लगा है।

फेसलेस टैक्स असेसमेंट और अपील की सुविधा देने के साथ ही मेरी सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है।

संसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे। यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने, संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है। नए संसद भवन के बनने से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी।

हमारा अपना navigation satellite system – नाविक भी आज भारत का गौरव बढ़ा रहा है। इसका लाभ अब हजारों मछुआरे साथियों को मिल रहा है।

जनधन खातों, आधार और मोबाइल की त्रिशक्ति ने लोगों को उनका अधिकार सुनिश्चित किया है। इस JAM त्रिशक्ति की वजह से 1,80,000 करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बच रहे हैं।

पिछले वर्ष दिसंबर में UPI से 4 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक का डिजिटल पेमेंट हुआ है। आज देश के 200 से ज्यादा बैंक UPI व्यवस्था से जुड़े हैं।

आधुनिक टेक्नोलॉजी का भारत में विकास और हर भारतीय की आधुनिक टेक्नोलॉजी तक आसान पहुंच, आत्मनिर्भर बनते भारत की अहम पहचान है।

आदिवासियों की आजीविका के प्रमुख साधन यानि वन-उपज की मार्केटिंग और वन-उपज आधारित छोटे उद्योगों की स्थापना का काम भी जारी है। ऐसी कोशिशों से लगभग 600 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जनजातीय परिवारों तक पहुंची है। सरकार द्वारा 46 वन-उपजों पर MSP, 90 प्रतिशत तक बढ़ाई गई है।

Denotified, Nomadic एवं semi-nomadic communities यानि विमुक्त, घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदायों के लिए भी विकास एवं कल्याण बोर्ड की स्थापना की गई है।

दिव्यांगजनों की मुश्किलों को कम करने के लिए देशभर में हजारों इमारतों को, सार्वजनिक बसों और रेलवे को सुगम्य बनाया गया है। ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को भी बेहतर सुविधाएं और समान अवसर देने के लिए Transgender Persons (Protection of Rights) Act लागू किया गया है।

ग्रुप सी और ग्रुप डी में इंटरव्यू समाप्त करने से युवाओं को बहुत लाभ हुआ है। सरकार ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का गठन करके नौजवानों को नियुक्ति के लिए कई अलग-अलग परीक्षाएं देने की परेशानी से मुक्त किया है।

सरकार की विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ 3 करोड़ 20 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को मिल रहा है। इनमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, वनवासी एवं जनजातीय वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राएं शामिल हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार छात्रों को अपनी रुचि के हिसाब से विषय पढ़ने की आजादी दी गई है। किसी कोर्स के बीच में भी विषय और स्ट्रीम बदलने का विकल्प युवाओं को दिया गया है।

भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम हो, मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति हो, या फिर अंडर ग्राउंड माइन्स में तथा ओपन कास्ट माइन्स में महिलाओं को रात्रि में कार्य करने की अनुमति ये सभी निर्णय पहली बार मेरी सरकार ने ही लिए हैं।

देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार एक रुपए में ‘सुविधा’ सैनिटरी नैपकिन देने की योजना भी चला रही है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत देश में आज 7 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी करीब 66 लाख स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं। बैंकों के माध्यम से इन महिला समूहों को पिछले 6 वर्षों में 3 लाख 40 हजार करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है।

आत्मनिर्भर भारत में महिला उद्यमियों की विशेष भूमिका है। मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं।

हुनर हाट और उस्ताद योजना के माध्यम से लाखों शिल्पकारों का कौशल विकास भी किया जा रहा है और उनको रोजगार के अवसर दिए जा रहे हैं। इन लाभार्थियों में आधे से अधिक महिला शिल्पकार हैं। e-haat के माध्यम से इन शिल्पकारों को पूरी दुनिया के खरीदारों से जोड़ा जा रहा है।

GeM पोर्टल से देश के दूर दराज वाले क्षेत्रों के MSMEs को सरकारी खरीद में पारदर्शिता के साथ-साथ अधिक भागीदारी भी मिल रही है।

तीन लाख करोड़ रुपए की इमरजेंसी क्रेडिट गारंटी योजना, मुश्किल में फंसे MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ की विशेष योजना और Fund of Funds जैसे प्रयासों ने लाखों लघु उद्यमियों को लाभ पहुंचाया है।

गांवों में सड़कों के साथ ही इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी उतनी ही अहम है। हर गांव तक बिजली पहुंचाने के बाद मेरी सरकार देश के 6 लाख से अधिक गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 लाख 42 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया है।

गांव के लोगों का जीवन स्तर सुधरे, यह मेरी सरकार की प्राथमिकता है। इसका उत्तम उदाहरण 2014 से गरीब ग्रामीण परिवारों के लिए बनाए गए 2 करोड़ घर हैं। वर्ष 2022 तक हर गरीब को पक्की छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की गति भी तेज की गई है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को 20 लाख सोलर पंप दिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा गन्ने के सीरे, मक्का, धान इत्यादि से एथनॉल के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है। पिछले 6 वर्षों में सरकार की सकारात्मक नीतियों के कारण एथनॉल का उत्पादन 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 190 करोड़ लीटर हुआ है।

सरकार ने डेयरी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की स्थापना और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 15 हजार करोड़ के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष की स्थापना भी की है।

देश भर में शुरू की गईं किसान रेल, भारत के किसानों को नया बाजार उपलब्ध कराने में नया अध्याय लिख रही हैं। अब तक 100 से ज्यादा किसान रेलें चलाई जा चुकी हैं जिनके माध्यम से 38 हजार टन से ज्यादा अनाज और फल-सब्जियां, एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक किसानों द्वारा भेजी गई हैं।

कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है।

मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।

पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।

President Ramnath Kovind

वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।

व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ भी देश के छोटे किसानों को हुआ है। इस योजना के तहत पिछले 5 वर्षों में किसानों को 17 हजार करोड़ रुपए प्रीमियम के एवज में लगभग 90 हजार करोड़ रुपए की राशि, मुआवजे के तौर पर मिली है।

मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में ये छोटे और सीमांत किसान भी हैं। ऐसे किसानों के छोटे-छोटे खर्च में सहयोग करने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के जरिए उनके खातों में लगभग 1,13,000 करोड़ से अधिक रुपए सीधे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

समय की मांग है कि कृषि क्षेत्र में हमारे जो छोटे और सीमांत किसान हैं, जिनके पास सिर्फ एक या दो हेक्टेयर जमीन होती है, उन पर विशेष ध्यान दिया जाए। देश के सभी किसानों में से 80% से ज्यादा ये छोटे किसान ही हैं और इनकी संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है।

2008-09 में जहां देश में 234 मिलियन टन खाद्यान्न की पैदावार हुई थी वहीं 2019-20 में देश की पैदावार बढ़कर 296 MT तक पहुंच गयी है। इसी अवधि में सब्जी और फलों का उत्पादन भी 215 MT से बढ़कर अब 320 MT तक पहुंच गया है। मैं इसके लिए देश के किसानों का अभिनंदन करता हूँ।

2013-14 में जहां 42 लाख हेक्टेयर जमीन में ही माइक्रो-इरिगेशन की सुविधा थी, वहीं आज 56 लाख हेक्टेयर से ज्यादा अतिरिक्त जमीन को माइक्रो-इरिगेशन से जोड़ा जा चुका है।

मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था। मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है।

सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो।

मेरी सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 6 वर्षों में जो कार्य किए गए हैं, उनका बहुत बड़ा लाभ हमने इस कोरोना संकट के दौरान देखा है।

यदि अपने महत्व को बढ़ाना है तो दूसरों पर निर्भरता को कम करते हुए आत्मनिर्भर बनना होगा। कोरोना काल में बनी वैश्विक परिस्थितियों ने, जब हर देश की प्राथमिकता उसकी अपनी जरूरतें थीं, हमें ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण क्यों इतना महत्वपूर्ण है।

करीब 31 हजार करोड़ रुपए गरीब महिलाओं के जनधन खातों में सीधे ट्रांसफर भी किए। इस दौरान देशभर में उज्ज्वला योजना की लाभार्थी गरीब महिलाओं को 14 करोड़ से अधिक मुफ्त गैस सिलेंडर भी मिले।

‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की।

अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही मेरी सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े।

मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।

महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है। हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ। संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए। मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

President Ramnath Kovind

चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों न हो, न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा। भारत जब-जब एकजुट हुआ है, तब-तब उसने असंभव से लगने वाले लक्ष्यों को प्राप्त किया है।

दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन से संसद भवन के लिए रवाना हुए।

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जिस आशा और अपेक्षा के साथ देश ने हमें संसद में भेजा है, हम संसद के इस पवित्र स्थान का भरपूर उपयोग करते हुए, लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए जन आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए अपने योगदान में पीछे नहीं रहेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि इस दशक का आज पहला सत्र प्रारंभ हो रहा है, भारत के उज्जवल भविष्य के लिए ये दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आज़ादी के दिवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें सिद्ध करने का स्वर्णिम अवसर अब देश के पास आया है।

विपक्षी पार्टियों के राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार करने के ऐलान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि विपक्ष लोकतंत्र की गरिमा को तार-तार कर रहा है। संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति की एक गरिमा है। राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करना यानी राष्ट्रपति का अपमान।

विपक्ष के राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने पर  केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण गैर-राजनीतिक होता है इसमें शामिल होना चाहिए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि वो इसका बहिष्कार कर रहे हैं।

 

दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद पहुंचे।