नई दिल्ली। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव और बालकृष्ण का माफीनामा सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा-कोर्ट की अवमानना हुई, कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कोर्ट ने माफीनामे को लेकर कहा कि हम अंधे नहीं हैं, हर चीज को देख और समझ रहे हैं। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्ला की बेंच ने कहा कि हलफनामा हमारे सामने आने से पहले मीडिया में कैसे प्रकाशित हो गया। क्या इसे प्रचार के लिए तैयार किया गया था?
Baba Ramdev & Acharya Balakrishna will apologize in front of Supreme Court once again today
Case is regarding misleading advertisement of Patanjali products & Contempt of court. #BabaRamdev #SupremeCourt #Navratri #Eid2024 #GoBackModi #EidMubarak pic.twitter.com/s72DOKRBoi
— Vikas Modi (Adani ka Parivar) (@VikasKA01) April 10, 2024
इससे पहले 2 अप्रैल को पिछली सुनवाई के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद एमडी आचार्य बालकृष्ण को फटकार लगाई थी। अदालत ने दोनों को उचित हलफनामा दाखिल नहीं करने और नियमों को अनदेखी करने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। कोर्ट ने उनसे लिखित हलफनामा दायर करने को बोला था। जिसके बाद रामदेव और बालकृष्ण की तरफ से कल ही हलफनामा दे दिया गया जो मीडिया में प्रसारित हो गया। इसी बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा कि आप हलफनामे में धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसे किसने तैयार किया है? वहीं, जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि आपको ऐसा हलफनामा नहीं देना चाहिए। इस पर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमसे चूक हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि चूक शब्द छोटा है। हम कार्रवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कानून के उल्लंघन के लिए पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर उत्तराखंड सरकार को भी लपेटा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में उत्तराखंड सरकार को ऐसे में नहीं छोड़ेंगे। सभी शिकायतें शासन को भेज दी गईं। बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 17 अगस्त 2022 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया है। आईएमए की ओर से इस मामले में पतंजलि पर कार्रवाई करने की मांग की गई है।