newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Pegasus: पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, केंद्र को लगाई फटकार

Pegasus: केंद्र ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वह एक विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहता है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाना है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं।

नई दिल्ली। केंद्र ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वह एक विस्तृत हलफनामा दाखिल नहीं करना चाहता है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाना है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया था या नहीं। केंद्र कथित पेगासस जासूसी मामले में स्वतंत्र जांच को लेकर याचिकों के समूह पर प्रतिक्रिया दे रहा था। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया कि सरकार डोमेन विशेषज्ञों के एक पैनल के समक्ष पेगासस मामले के संबंध में सभी विवरणों का खुलासा करेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से हलफनामे पर नहीं।

pegasusspywarecheck

मेहता ने जोर देकर कहा कि जो आतंकवादी संगठन हैं, वो यह नहीं जानते हैं कि आतंकवाद आदि से निपटने के लिए कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा, “इसके अपने नुकसान हैं।” केंद्र ने दोहराया कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने अपने दम पर कहा है कि वह जासूसी के आरोपों की जांच के लिए डोमेन विशेषज्ञों की एक समिति का गठन करेगी, जो सरकार से जुड़े नहीं हैं।

Pegasus spyware

उन्होंने कहा, “केंद्र पेगासस का उपयोग कर रहा था या नहीं, इस तरह के मुद्दों पर हलफनामों में बहस नहीं की जा सकती है और डोमेन विशेषज्ञों द्वारा देखा जा सकता है।” मेहता ने पीठ को बताया कि सरकार द्वारा किसी विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है या नहीं, इसे चर्चा के लिए सार्वजनिक डोमेन में नहीं लाया जा सकता है।

Virus Cyber Pegasus

पीठ ने जोर देकर कहा कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह नहीं चाहती कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने वाली किसी भी चीज का खुलासा करे। पीठ ने कहा, “हम केवल एक सीमित हलफनामे की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि हमारे सामने याचिकाकर्ता हैं जो कहते हैं कि उनके अधिकारों का उल्लंघन किया गया है।”