newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Central Vista Project: मोदी के लिए नफरत से भरा है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के याचिकाकर्ता का बायोडाटा, पढ़ें सबूत

Central Vista Project: सोहेल हाशमी शबनम हाशमी और सफदर हाशमी का भाई है। शबनम हाशमी गुजरात दंगों के वक्त से ही पीएम मोदी के खिलाफ झूठा कैंपेन चलाने के लिए कुख्यात है। शबनम हाशमी अवॉर्ड वापसी गिरोह का भी हिस्सा रह चुकी हैं। मोदी विरोध की नफरत में वे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार पुरस्कार लौटा चुकी हैं। यह पुरस्कार उन्हें कांग्रेस के राज में साल 2008 में दिया गया था। शबनम हाशमी का एनजीओ संदिग्ध विदेशी फंडिंग के दायरे में आ चुका है जिसके चलते उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया था।

नई दिल्ली। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को रोकने में लगी ताकतों का पर्दाफाश अब शुरू हो चुका है। न्यायपालिका के दरवाजे से लेकर आम जनता की चौखट तक ये ताकतें अब बेनकाब हो रही हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने न सिर्फ सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण पर रोक लगाने से इंकार कर दिया बल्कि इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट भी करार दिया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता सोहेल हाशमी की नीयत पर भी सवाल खड़े किए और उसे “मोटीवेटेड” यानि किसी की शह पर काम करने वाला करार दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने हाशमी की याचिका को जेन्युइन याचिका न मानते हुए उस पर एक लाख का जुर्माना भी ठोंका। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि सोहेल हाशमी कौन है? सोहेल हाशमी का बायोडॉटा ही इस “प्लांटेड” स्क्रिप्ट के पीछे की कहानी को बयां कर देता है।

PM Modi

सोहेल हाशमी शबनम हाशमी और सफदर हाशमी का भाई है। शबनम हाशमी गुजरात दंगों के वक्त से ही पीएम मोदी के खिलाफ झूठा कैंपेन चलाने के लिए कुख्यात है। शबनम हाशमी अवॉर्ड वापसी गिरोह का भी हिस्सा रह चुकी हैं। मोदी विरोध की नफरत में वे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार पुरस्कार लौटा चुकी हैं। यह पुरस्कार उन्हें कांग्रेस के राज में साल 2008 में दिया गया था। शबनम हाशमी का एनजीओ संदिग्ध विदेशी फंडिंग के दायरे में आ चुका है जिसके चलते उसका रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया था।

Sohail Hashmi

इतना ही नहीं बल्कि सोहेल हाशमी के नाम के सोशल मीडिया एकाउंट से जेएनयू के मसले पर जस्टिस प्रतिभा रानी को लिखी चिट्ठी का भी समर्थन किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा रानी ने जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत के फैसले में साफ कहा था कि देशविरोधी नारे लगाना ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ नहीं है और इसे कंट्रोल करने की जरूरत है। देश की कथित सेक्युलर लॉबी फैसले के इन हिस्सों पर उबल पड़ी थी। उन्होंने जस्टिस प्रतिभा रानी के नाम विरोध की चिट्ठी तक जारी कर दी। अवॉर्ड वापसी गिरोह का अहम सरगना सोहेल हाशमी जय श्रीराम को वॉर क्राई यानि युद्ध की ध्वनि बताने वाले हिंदुओं के लिए अपमानजनक अभियान का भी समर्थन कर चुका है।

Central Vista project

इस अभियान की चिट्ठी 49 सेलेब्रिटीज की ओर से लिखी गई थी जिसमें जय श्रीराम को निशाना बनाया गया था। हैरानी की बात यह भी है कि सोहेल हाशमी के दावे और राहुल गांधी व उनके समर्थकों के दावों में अद्भुत समानता है। जो बात सोहेल हाशमी ने अपनी याचिका में कही है, वही राहुल गांधी भी कहते आ रहे हैं कि ये प्रोजेक्ट गैरजरूरी है और मोदी सरकार 20 हजार करोड़ की बर्बादी करके आम जिंदगियों को खतरे में डाल रही है। अब ध्यान देने वाली बात यह है कि खुद साल 2012 में यूपीए के समय में नई संसद की जरूरत की बात उठाई गई थी। लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार ने इस नए संसद भवन को मंजूरी भी दी थी।

PM Narendra Modi

राहुल गांधी की अगुवाई में जिस 20 हजार करोड़ के पीएम महल का झूठ बुना गया है, उसकी भी कलई खुल गई है। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने साफ कहा कि नए प्रधानमंत्री आवास के लिए किसी भी डिजाइन को मंजूरी नहीं दी गई है। इस प्रोजेक्ट के तहत केवल संसद भवन का निर्माण व सेंट्र्ल विस्टा का चौड़ीकरण चल रहा है। हैरानी की बात है कि जो राहुल गांधी 1300 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर कोहराम मचा रहे हैं, वही राहुल गांधी महाराष्ट्र में 900 करोड़ की लागत से बन रहे विलासता से भरे एमएलए हॉस्टल पर एकदम खामोश हैं। ये सारे तथ्य इसी सत्य की पुष्टि करते हैं कि सेंट्रल विस्टा के नाम पर कांग्रेस और अवॉर्ड वापसी गैंग आपस में मिलकर देश के विकास को रोकने की मुहिम में जुटे हुए हैं।