
नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में घमासान लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी ताजा बानगी उस वक्त देखने को मिली जब मंगलवार को राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत पर जमकर वार किए। मीडिया को संबोधित करते हुए पायलट ने अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया। इस दौरान उन्होंने सीएम गहलोत को घिरते हुए कहा, उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया है सोनिया गांधी नहीं। पायलट के इस बयान के बाद राजस्थान की सियासत में भूचाल आ गया। हालांकि हैरान करने वाली बात ये है कि पायलट के द्वारा सीएम गहलोत पर बड़ा आरोप लगाने के बाद भी कांग्रेस आलाकमान ने मौन धारण कर रखा है। पार्टी आलाकमान की तरफ से इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। बरहाल जयपुर में मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने बताया कि 11 मई से अजमेर से जयपुर वो पदयात्रा निकालेगे। पांच तक चलने वाली इस पदयात्रा का नाम जन संघर्ष यात्रा है। जिसका आज उन्होंने पोस्टर भी जारी किया है। लेकिन अब उनके इस पोस्टर पर राजस्थान कांग्रेस में बवाल मच सकता है।
#WATCH मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का धौलपुर का भाषण सुना, उसे सुनकर ऐसा लगता है कि उनकी नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं। एक तरफ यह कहा जा रहा है कि हमारी सरकार को गिराने का काम भाजपा कर रही थी, दूसरी तरफ कहा जाता है कि हमें बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थी। आप कहना… pic.twitter.com/7WXsrV2826
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 9, 2023
हैरान करने वाली बात ये है कि पायलट के इस पोस्टर में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा नदारद है। केवल पोस्टर में सोनिया गांधी ही नजर आ रही है। इसके अलावा जवाहार लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की फोटा का इस्तेमाल किया गया। वहीं दूसरी ओर पोस्टर में महात्मा गांधी, डॉ भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह दिखाई दे रहे है। लेकिन सवाल ये उठाता है कि पायलट ने इस पदयात्रा के लिए पार्टी हाईकमान से परमिशन ली है या फिर नहीं।
पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, राहुल गांधी की तस्वीर ना दिखाकर कही न कही वो पार्टी में बगावत की सुर को दिखाना चाहते है या फिर उनका कोई और मकसद है। खास बात ये भी है कि इस पोस्टर में कांग्रेस के चुनाव चिन्ह का भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसके बाद अब कयास तेज हो गए है कि चुनावी साल में सचिन पायलट अगर सीएम गहलोत से नाराज है तो पार्टी हाईकमान को इस पोस्टर में तरजीह क्यों नहीं दी गई? इसको लेकर अब राजस्थान में सियासी घमासान तेज हो सकता है।