नई दिल्ली। पीएम केयर्स को लेकर बवाल काटने वाले विपक्षी दलों को लेकर एक बुरी खबर सामने आई है। दरअसल पीएम केयर्स फंड को लेकर उठ रहे सवालों के बीच जानकारी मिली है कि इस खाते में सबसे पहले पीएम मोदी ने अपने बचते से सवा दो लाख रुपये देकर फंड की ‘बोहनी’ की थी। इस जानकारी के सामने आने के बाद से उन लोगों को जरूर झटका लग सकता है, जो इसको लेकर सवाल उठा रहे थे।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM CARES फंड में पहला अंशदान खुद किया था। कोविड-19 महामारी के लिए 27 मार्च को बने इस फंड में उन्होंने 2.25 लाख रुपये दान किए। साल 2019-20 के लिए PM CARES के एनुअल ऑडिट के अनुसार, पहला अंशदान सवा दो लाख रुपये का था। इस फंड में शुरुआती 5 दिन के भीतर 3,076 करोड़ रुपये जमा हो चुके थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “पीएम मोदी लंबे समय से जनता के हित में दान देते रहे हैं। PM CARES में सवा दो लाख रुपये की शुरुआती रकम पीएम ने दान की थी।” इस जानकारी का पता चलते ही ट्विटर पर Rs 2.25 ट्रेंड करने लगा। बता दें कि इस फण्ड की ऑडिटेड स्टेमेन्ट की कॉपी सामने आई है जो विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का करारा जवाब है।
Befitting his long legacy of serving the humanity, PM @NarendraModi ji contributed ₹2.25 lakh towards the initial corpus of PM CARES Fund.
Proud to have a PM who truly CARES!https://t.co/TajDCQO3qo
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) September 3, 2020
वहीं अगर पीएम मोदी के दान करने पर गौर करें तो वो पिछले साल जब कुंभ मेले में गए थे तो उन्होंने अपनी निजी बचत से सफाई कर्मचारियों के कल्याण के लिए बनी निधि में 21 लाख रुपये दान किए थे। साउथ कोरिया से मिले सियोल पीस प्राइज की 1.3 करोड़ रुपये की रकम भी उन्होंने ‘नमामि गंगे’ प्रोजेक्ट के लिए दे दी थी। फिर उन्होंने वित्त मंत्री को चिट्ठी लिखी कि इस प्राइज मनी को मिली टैक्स में छूट वापस ले ली जाए। अधिकारियों ने कहा कि मोदी को पीएम रहते मिले सभी तोहफों और प्रतीक चिन्हों की नीलामी से हासिल होने वाली रकम भी ‘नमामि गंगे’ मिशन को दी गई। इसमें ताजा ऑक्शन से मिले 3.4 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
2014 में नरेंद्र मोदी ने जब गुजरात के मुख्यमंत्री का पद छोड़ा, तब पीएम मोदी ने राज्य सरकार स्टाफ के लिए निजी बचत से 21 लाख रुपये दान दिए थे। मोदी ने गुजरात सीएम रहते हुए गिफ्ट्स के जरिए 89.96 करोड़ रुपये जुटाए थे। उन्होंने सारी रकम कन्या केलवणी फंड में दान कर दी और पैसा बच्चों की शिक्षा पर खर्च हुआ।