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PM Modi: राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी ने देशवासियों को दिया संदेश और बधाई, कहा- ‘सरदार पटेल सभी के दिल में हैं’

PM Modi: देश आज यानी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती यानी एकता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी ने देशवासियों को संदेश और बधाई दी है।

नई दिल्ली। देश आज यानी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती यानी एकता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी ने देशवासियों को संदेश और बधाई दी है। पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर देश को संबोधित किया। उन्होंने राष्ट्रीय एकता दिवस पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी।

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों से कहा- एक भारत-श्रेष्ठ भारत के लिए जीवन का हर पल जिसने समर्पित किया, ऐसे राष्ट्र नायक सरदार वल्लभभाई पटेल को आज देश अपनी श्रद्धांजली दे रहा है।

पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें-

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार पटेल जी सिर्फ इतिहास में ही नहीं, बल्कि हम देश वासियों के हृदय में भी हैं। आज देशभर में एकता का संदेश लेकर आगे बढ़ रहे हमारे ऊर्जावान साथी, भारत की अखंडता के प्रति, अखंड भाव के प्रतीक हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि धरती के जिस भूभाग पर हम 130 करोड़ भारतीय रहते हैं, वह हमारी आत्मा, सपनों, आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है। सैकड़ों वर्षों से भारत के समाज, परंपराओं से लोकतंत्र की जो मजबूत बुनियाद विकसित हुई उसने एक भारत की भावना को समृद्ध किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि आजाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था, उससे कहीं अधिक आजादी के इस अमृतकाल में होने वाला है। आजादी का ये अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है। ये अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है।

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार साहब हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे। इसलिए, उनके ‘एक भारत’ का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो।

पीएम मोदी ने कहा कि आज से कई दशक पहले, उस दौर में भी, उनके आंदोलनों की ताकत ये होती थी कि उनमें महिला-पुरुष, हर वर्ग, हर पंथ की सामूहिक ऊर्जा लगती थी। आज जब हम एक भारत की बात करते हैं तो उस एक भारत का स्वरूप क्या होना चाहिए? – एक ऐसा भारत जिसकी महिलाओं के पास एक से अवसर हों।

यहां सुनें उनका पूरा संबोधन-