नई दिल्ली। आज जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को नमन करते हुए लिखा है कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र बनाकर देश को आगे ले जाने का रास्ता दिखाया। मोदी ने आगे कहा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दिखाए रास्ते पर चलना ही विकसित भारत को बनाने में प्रेरणा का स्रोत रहा है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी पुण्यतिथि पर देशभर के अपने परिवारजनों की ओर से शत-शत नमन। उन्होंने भारतीय संस्कृति और विरासत को केंद्र में रखकर देश को आगे ले जाने का मार्ग दिखाया, जो विकसित भारत के निर्माण में भी प्रेरणास्रोत बना है।
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2024
पीएम नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के बताए रास्ते पर चलते हुए अपनी सरकार की तमाम योजनाओं को केंद्रित किया। गरीबों के कल्याण के लिए मोदी ने अपनी सरकार केंद्र में बनाने के बाद योजनाएं तैयार कीं। गरीबों को घर, उनके लिए मुफ्त चिकित्सा और देश के 80 करोड़ गरीबों को लगातार मुफ्त राशन की योजनाओं को लागू कर पीएम मोदी ने देश में सबसे खराब आर्थिक हालात का सामना करने वालों को बड़ा संबल दिया है। ऐसा नहीं है कि मोदी ने पीएम पद को संभालने के बाद ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय की बात कहनी शुरू की है। आज जबकि जनसंघ की स्थापना करने वाले नेताओं में शामिल पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि है, तो देखिए पीएम मोदी का साल 2003 में दिया गया वो भाषण, जिसमें उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सादगी के बारे में बताया था और महात्मा गांधी का उचित उत्तराधिकारी करार दिया था।
Modi Archive pays homage on Pandit Deendayal Upadhyay Ji’s punyatithi with a 2003 speech excerpt from then CM @narendramodi, praising Pandit Ji’s commitment to simplicity and service…#PanditDeendayalUpdahyay #SamarpanDivas pic.twitter.com/Yc7egOrg1O
— Modi Archive (@modiarchive) February 11, 2024
पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जनसंघ की स्थापना में अहम भूमिका तो निभाई ही, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी समेत बीजेपी के नेताओं के प्रेरणा स्रोत भी वो रहे। आज ही के दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एक हादसे में निधन हो गया था। उनका शव मुगलसराय (अब पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन) के यार्ड में मिला था। वो ट्रेन से यात्रा कर रहे थे। माना जाता है कि ट्रेन के कोच के दरवाजे से वो बाहर गिर गए और उनका निधन हो गया। आज भी जब गरीब कल्याण की बात होती है, तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय की बातों को लोग याद करते हैं। उन्होंने ही कहा था कि गरीब को ताकत देने और स्वदेशी का इस्तेमाल करने से देश तरक्की की राह पर चल सकता है।