नई दिल्ली। पीएम मोदी के खास कार्यक्रम ‘मन की बात’ का कल यानी रविवार को 100वां एपीसोड है। इस कार्यक्रम में मोदी अपने मन की बात तो कहते ही हैं। साथ ही देश और समाज के लिए काम करने वालों का नाम भी लेते हैं। उनकी सफलता की कहानियां भी गिनाते हैं। पिछले 9 साल में 1 अरब लोग मन की बात सुन चुके हैं। 23 करोड़ लोग हमेशा मन की बात सुनते हैं। आज आपको हम उन कुछ खास लोगों की बात बताते हैं। जिनका नाम पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रमों में लिया।
-कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ इलाके के अड्यानाडका गांव के अमाई महालिंग ने बंजर पहाड़ी को उपजाऊ खेत में बदला। उनको पीएम मोदी ने अपने मन की बात में ‘टनल मैन’ नाम से संबोधित किया था।
-उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की बसंती देवी ने 14 साल की उम्र में पति को गंवाया था। उन्होंने बाल विवाह, महिलाओं को एकजुट करने, घरेलू हिंसा और पर्यावरण बचाने का काम किया। पीएम मोदी ने अपने मन की बात में बसंती देवी की भी तारीफ की थी।
-वाराणसी के इंद्रपाल सिंह बत्रा ने गौरैया को बचाने के लिए बहुत काम किया है। उनकी कोशिशों की बदौलत अब इलाके में काफी गौरैया दिखने को मिलती हैं। पीएम मोदी ने इंद्रपाल सिंह को ‘स्पैरो मैन’ बताते हुए उनका जिक्र किया था।
-मणिपुर की कपड़ा बनाने की लीबा कला को खत्म होने से बचाने के लिए लौरेम्बम बिनो देवी ने खूब काम किया। उनका जिक्र भी पीएम मोदी अपने मन की बात में कर चुके हैं।
-पठानकोट के दिव्यांग राजू ने कोरोना काल में जरूरतमंदों को राशन बांटा था। वो खुद भीख मांगकर गुजारा करते थे। इसके बाद भी समाज के लिए किए उनके इस अहम काम को पीएम मोदी ने मन की बात में सराहा था।
-झारखंड के संजय कच्छप ने अपनी पोस्टिंग वाली हर जगह पर लाइब्रेरी बनवाई। उन्होंने अब तक राज्य में 40 जगह लोगों को शिक्षा देने के लिए लाइब्रेरी बनवाई हैं। उनका नाम भी मोदी ने अपने कार्यक्रम में लिया।
-ओडिशा की वैज्ञानिक ज्योतिर्मयी मोहंती को इंटनेशनल यूनियन ऑफ प्योर एंड अप्लाइड केमिस्ट्री का अवॉर्ड मिला था। उनको भी पीएम मोदी ने मन की बात में सराहा था।
-झांसी की गुरलीन ने स्ट्रॉबेरी की खेती की और इसका विकास अपने इलाके में किया। गुरलीन की इस सफलता को भी मोदी ने अपने कार्यक्रम में जगह दी थी।
-हरियाणा के बीबीपुर गांव के सरपंच रहे सुनील जागलान ने सेल्फी विद डॉटर कार्यक्रम के जरिए बेटियों को बचाने का अभियान चलाया था। इससे हरियाणा में लोग कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ काफी जागरूक हुए। मोदी ने सुनील जागलान की इस कोशिश को भी मन की बात में प्रेरणादायी बताया था।