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UNGA : पीएम मोदी का आज संयुक्त राष्ट्र में संबोधन, इमरान खान के ‘झूठ’ पर देंगे करारा जवाब

UNGA : पीएम मोदी(PM Modi) के संबोधन में आतंक(Terrorism) के मुद्दे छाए रहने की उम्मीद है। पीएम का फोकस कोरोना वायरस(Corona Virus) की महामारी पर भी रह सकता है। महासभा के मंच से संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बात भी पीएम मोदी उठा सकते हैं।

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र की आम सभा को प्रधानमंत्री 26 सितंबर को संबोधित करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेंबली चल रही है। जिसमें 25 सितंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र को संबोधित कर चुके हैं। अब इसके एक दिन बाद पीएम मोदी भी संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि इमरान खान द्वारा दिए गए भाषण में भारतीय सेना, PM मोदी और RSS पर लगाए गए झूठे आरोपों पर प्रधानमंत्री मोदी करारा जवाब देंगे। गौरतलब है कि पीएम मोदी आज शाम करीब 6.30 बजे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र की आम सभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी के संबोधन में आतंक के मुद्दे छाए रहने की उम्मीद है। पीएम का फोकस कोरोना वायरस की महामारी पर भी रह सकता है। महासभा के मंच से संयुक्त राष्ट्र में सुधार की बात भी पीएम मोदी उठा सकते हैं। पीएम मोदी के संबोधन से एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संबोधन में भारत पर भी टिप्पणी की।

PM Narendra Modi

इमरान खान के संबोधन के दौरान भारत के प्रतिनिधि ने सभा से वॉकआउट कर दिया था। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कश्मीर का मुद्दा उठाया और पीएम मोदी पर निजी हमले भी किए। इमरान के बयान पर भारत राइट टू रिप्लाई का उपयोग कर जवाब देगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर इसकी पुष्टि की है।

Imran Khan UN

तिरुमूर्ति ने अपने ट्वीट में पाकिस्तान को आतंकवाद, अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर भी घेरा। संयुक्त राष्ट्र मिशन में भारत के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए उसे आतंकवाद की नर्सरी और एपिसेंटर बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमारे देश के खिलाफ हर अवसर का इस्तेमाल ऐसे अनर्गल आरोप लगाने के लिए करता है। इससे उसकी नकारात्मकता झलकती है।

PM Narendra Modi

वहीं सेंथिल ने पाकिस्तान को दूसरों पर उंगली उठाने से पहले यह सोचने की नसीहत दी कि आतंक मानवाधिकारों के उल्लंघन का ही विकृत रूप है और यह मानवता के खिलाफ अपराध है। जिसे आतंक की नर्सरी और एपिसेंटर के तौर पर जाना जाता है। पाक अधिकृत कश्मीर, गिलगित बाल्टिस्तान में लगातार मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं, उस देश से दुनिया को मानवाधिकारों का पाठ नहीं पढ़ना।