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Ukraine-Russia crisis: युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति को PM मोदी का फोन, जानें 35 मिनट के फोन कॉल में क्या हुआ…

Ukraine-Russia crisis: बता दें कि पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच फोन पर  करीब 35 मिनट तक बातचीत हुई है। भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि, दोनों नेताओं ने यूक्रेन में स्थिति पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत की सराहना की।

नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 12 वां दिन है। यूक्रेन पर 12 दिन से जारी रूस के हमले को खत्म कराने के लिए दुनियाभर के देशों में शांति बनाने की अपील कर रहे है। इसी कोशिश में अहम रोल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का माना जा रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से अच्छी दोस्ती की वजह से यूक्रेन ने मोदी से युद्ध रुकवाने के लिए कहा है। पीएम मोदी इससे पहले पुतिन से इसी मसले पर बात कर चुके हैं। भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र के सभी मंचों से जंग की जगह बातचीत से हल निकालने के लिए कहा है। इसी बीच सोमवार को पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमिर जेलेंस्की से बात की। सरकारी सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच 35 मिनट तक फोन कॉल पर बातचीत हुई है। इसके बाद  दोपहर में वो रूस के राष्ट्रपति पुतिन से भी बात करेंगे।

ukraine president and putin

बता दें कि पीएम मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच फोन पर  करीब 35 मिनट तक बातचीत हुई है। भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि, दोनों नेताओं ने यूक्रेन में स्थिति पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच जारी सीधी बातचीत की सराहना की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में यूक्रेन की सरकार द्वारा दी गई सहायता के लिए राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को धन्यवाद भी दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सूमी से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए जारी प्रयासों में यूक्रेन सरकार से निरंतर समर्थन मांगा। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम मोदी लगातार एक्शन मोड़ में दिख रहे है। पीएम मोदी दोनों देशोंं के राष्ट्रपति से लगातार संपर्क में है और रूस-यूक्रेन से युद्ध खत्म कराने का प्रयास भी कर रहे हैं।

बता दें कि रूस ने 24 फरवरी से यूक्रेन हमला करना शुरू किया था। इसके बाद 26 फरवरी को पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलिंस्की से फोन पर बात की थी। पीएम मोदी ने यूक्रेन को मानवीय सहायता भी भेजी थी। हालांकि, भारत ने किसी पक्ष का समर्थन नहीं किया है। भारत लगातार कह रहा है कि बातचीत ही समस्या का समाधान निकालने का एक मात्र रास्ता है। उसने कूटनीति को जरूरी बताया है।