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Congress: 26/11 हमले को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल ने तत्कालीन सरकार की खोली पोल, कांग्रेस में मची खलबली, पाकिस्तान का भी नाम आया सामने

इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी हमारे खिलाफ बंदूक उठाता है, तो उसे बंदूक से ही जवाब दिया जाना चाहिए। जो कोई भी देश  के खिलाफ बात करता है,  उसके खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई बात करने से किसी भी प्रकार का कोई गुरेज नहीं करना चाहिए। उन्होंने  कहा कि बीते आठ साल से सशस्त्र समूहों किसी भी प्रकार का वार्ता नहीं की गई है, अगर की गई है, तो सिर्फ और  सिर्फ  आत्मसमर्पण पर हुई है।

नई दिल्ली। आमतौर पर मीडिया में और विशेषतौर पर हिंदी मीडिया में दक्षिण भारत के किसी राजनेता या किसी अधिकारी द्वारा कोई भी बयान विरले ही सुर्खियों में रहता है। विशेषत: हिंदी मीडिया का ध्यान हिंदी भाषी राज्यों की राजनीति पर ही केंद्रीत रहता है। लेकिन, इस बार किसी गैर हिंदी भाषी राज्यों की फेहरिस्त में शुमार तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कुछ ऐसा कह दिया कि खबरों की दुनिया में उनके नाम की सुर्खियां बनाएं जाने लगीं और तो और लोगों के जेहन में भी उनके बारे में जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच गई और अब आप इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप मन ही मन सोच रहे होंगे कि आखिर उन्होंने ऐसा क्या कह दिया कि लोग उनके द्वारा दिए गए बयान को जानने के लिए बेताब हो गए।

तो आपको बता दें कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने भारत पाकिस्तान के रिश्ते को लेकर अपनी राय जाहिर की है ।उन्होंने कोच्ची में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सर्वप्रथम तो यह स्पष्ट होना चाहिए कि पाकिस्तान हमारा दोस्त है या दुश्मन। उन्होंने आगे कहा कि  हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जो कोई भी देश के खिलाफ सोच रखता है, उससे किसी भी प्रकार की कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग  कभी वार्ता के लायक नहीं होते हैं। उन्होंने आगे 26/11 वाकये का जिक्र कर तत्कालीन सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस  सरकार ने जो भी किया है, वो सही नहीं था।

इस दौरान उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि जो कोई भी हमारे खिलाफ बंदूक उठाता है, तो उसे बंदूक से ही जवाब दिया जाना चाहिए। जो कोई भी देश  के खिलाफ बात करता है,  उसके खिलाफ कोई भी कड़ी कार्रवाई बात करने से किसी भी प्रकार का कोई गुरेज नहीं करना चाहिए। उन्होंने  कहा कि बीते आठ साल से सशस्त्र समूहों से किसी भी प्रकार का वार्ता नहीं की गई है, अगर की गई है, तो सिर्फ और  सिर्फ  आत्मसमर्पण पर हुई है। उन्होंने आगे कहा कि 26/11 हमले के दौरान जो कुछ भी  देखने को मिला था , उससे पूरा देश सदमें में था। उन्होंने कहा था कि उन दिनों मुट्ठी भर आतंकवादियों ने देश का अपमान किया था और तत्कालीन सरकार हाथ  पर हाथ धरे बैठी रही थी।

जिसके 9 माह बाद ही हमारे तत्कालीन पीएम उनके पीएम के साथ संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति साझा करते हैं , मेरा इस मसले पर यही कहना है कि पहले तो यह  होना चाहिए कि पाकिस्तान हमारा देश है या दुश्मन है। तभी तो कोई आगे की कोई कार्रवाई की जाएगी। खैर, अभी जिस तरह तमिलनाडु के राज्यपाल ने  तत्कालीन कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लिया है, उसे लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गुलजार हो चुका है। अब ऐसे में उनके द्वारा दिए गए बयान पर किसी और की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।