पटना। दक्षिण भारत का दौरा कर चुके। गुजरात जाने वाले हैं। इसके अलावा अब पीएम नरेंद्र मोदी का अगला पड़ाव बिहार होने वाला है। ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है। लोकसभा चुनाव में बस कुछ ही वक्त बचा है। ऐसे में पीएम मोदी का बिहार दौरा वहां बीजेपी और एनडीए के लिए बड़ी टॉनिक का काम करेगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में ही बिहार में बीजेपी ने पहले नीतीश कुमार के साथ मिलकर 40 में से ज्यादातर सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार नीतीश कुमार विपक्ष के पाले में खड़े हैं। ऐसे में बीजेपी ने चिराग पासवान, उनके चाचा पशुपति पारस और हम पार्टी के जीतनराम मांझी को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है। मोदी का बिहार दौरा लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए और बीजेपी के लिए शंखनाद का मौका लाने वाला है। खास बात ये है कि मोदी के इस बिहार दौरे पर बीजेपी और एनडीए के अलावा विपक्ष की भी नजर रहने वाली है।
अब आपको बताते हैं कि आखिर पीएम मोदी का ये बिहार दौरा अहम क्यों है। बिहार में पीएम मोदी का दौरा 13 जनवरी को होगा। मोदी उस तारीख को मोतिहारी जाएंगे। वहां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के प्रोजेक्ट का मोदी उद्घाटन करेंगे। इस उद्घाटन समारोह के बाद पीएम मोदी मोतिहारी में जनसभा भी करेंगे। जाहिर है, जनसभा में वो अपनी सरकार की तरफ से बिहार में किए गए कार्यों की तस्वीर जनता के सामने जरूर रखेंगे। अभी ये जानकारी नहीं है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी मोतिहारी में मोदी के साथ मंच साझा करेंगे या नहीं। बिहार में बीजेपी का साथ जबसे नीतीश कुमार ने छोड़ा है और अपनी पार्टी को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया, तभी से जेडीयू और बीजेपी के बीच टकराव चरम पर है। बीजेपी की तरफ से तो गृहमंत्री अमित शाह ये एलान तक कर चुके हैं कि अब नीतीश को कभी भी एनडीए के पाले में नहीं लिया जाएगा।
नीतीश इस बार सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मोर्चा लेने को तैयार बैठे हैं। हालांकि, सीटों के बंटवारे को लेकर विपक्षी एकजुटता अभी पुख्ता होती नहीं दिख रही है। बात बिहार की लोकसभा सीटों की करें, तो 2019 में बीजेपी ने 17 और नीतीश की पार्टी ने 16 सीटें हासिल की थीं। एलजेपी को 6, कांग्रेस को 1 सीट पर जीत मिली थी। जबकि, लालू यादव की आरजेडी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी।