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Ukraine Crisis: यूक्रेन से भारतीय छात्रों को वापस लाने के लिए PM मोदी ने उठाया बड़ा कदम, अपने इन मंत्रियों को पड़ोसी देशों में किया तैनात

Ukraine Crisis: रूस के हमले के बाद यूक्रेन की हालत लगातार बिगड़ रही है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की ओर से परमाणु बलों की तैनाती की धमकी और बेलारूस की तरफ से भी यूक्रेन पर हमले की योजना के कारण मोदी सरकार अब हर हाल में जल्द से जल्द यूक्रेन से सभी भारतीयों को निकालने की कोशिश में जुटी है।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को सकुशल देश लाने की जिम्मेदारी अब मंंत्रियों को दी है। कल हुई अहम बैठक में मोदी ने अपनी सरकार के मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और रिटायर्ड जनरल वीके सिंह को यूक्रेन की सीमा से सटे पड़ोसी देशों में जाने और वहां रहकर भारतीय छात्रों की वापसी के काम को आसान बनाने का जिम्मा सौंपा है। बता दें कि अभी भारतीय छात्रों को हंगरी और रोमानिया के रास्ते वापस लाया जा रहा है। पोलैंड ने भी बिना वीजा के भारतीय छात्रों को अपने यहां प्रवेश देने की सुविधा दी है। जबकि, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने माल्दोवा के विदेश मंत्री से इस बारे में बातचीत की है। जयशंकर ने भरोसा जताया है कि माल्दोवा के रास्ते भी भारतीय छात्र लाए जा सकेंगे।

अब तक हंगरी और रोमानिया से एयर इंडिया की 5 फ्लाइट आ चुकी हैं। इनके जरिए 1500 के करीब भारतीयों को वापस लाया गया है। इससे पहले खबरें ये भी आई थीं कि रोमानिया की सीमा के पास यूक्रेन के सैनिक लगातार भारतीय छात्रों से बदसलूकी कर रहे हैं और वहां स्थित रेस्तरां से भी भारतीयों को भोजन नहीं दिया जा रहा है। कई रेस्तरां में ‘इंडियंस नॉट अलाउड’ के बोर्ड लगाए जाने की जानकारी भी मिली है। ऐसे में भारत सरकार ने हालात को गंभीरता से लिया है।

माना जा रहा है कि जल्द से जल्द मंत्रियों की तैनाती होने से छात्रों को तेजी से यूक्रेन से निकाला जा सकेगा। रूस के हमले के बाद यूक्रेन की हालत लगातार बिगड़ रही है। साथ ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की ओर से परमाणु बलों की तैनाती की धमकी और बेलारूस की तरफ से भी यूक्रेन पर हमले की योजना के कारण मोदी सरकार अब हर हाल में जल्द से जल्द यूक्रेन से सभी भारतीयों को निकालने की कोशिश में जुटी है। यूक्रेन पर हमले से पहले वहां करीब 18000 भारतीय थे। मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दीमिर जेलेंस्की का फोन आने के बाद भी उनसे भारतीयों की सुरक्षा और उन्हें भोजन-पानी देने की बात कही थी। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मसले को उठाया है।