नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को जैन आचार्य विजय वल्लभ सुरिश्वर जी महाराज (Jainacharya Vijay Vallabh Surishwar Ji Maharaj) की 151वीं जयंती समारोह के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ (Statue of Peace) का अनावरण किया। 151 इंच ऊंची, यह प्रतिमा अष्टधातु यानी 8 धातुओं से बनाई गई है, जिसमें तांबा प्रमुख घटक है। इसे राजस्थान के पाली में विजय वल्लभ साधना केंद्र, जैतपुरा में स्थापित किया जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है। ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है। इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जैनाचार्य श्री विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की 151वें जयंती समारोह को चिह्नित करने के लिए राजस्थान के पाली में ‘स्टैच्यू ऑफ़ पीस’ का अनावरण किया। pic.twitter.com/KSs3s7Z9J8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 16, 2020
आगे उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ के लोकार्पण का अवसर दिया था, और आज जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की भी ‘स्टेचू ऑफ पीस’ के अनावरण का सौभाग्य मुझे मिल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि आप भारत का इतिहास देखें तो महसूस करेंगे, जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है। कोई न कोई बड़ा संत हर कालखंड में हमारे देश में रहा है, जिसने उस कालखंड को देखते हुए समाज को दिशा दी है। आचार्य विजय वल्लभ जी ऐसे ही संत थे।
उन्होंने कहा, आज 21वीं सदी में मैं आचार्यों, संतों से एक आग्रह करना चाहता हूं कि जिस प्रकार आजादी के आंदोलन की पीठिका भक्ति आंदोलन से शुरु हुई। वैसे ही आत्मनिर्भर भारत की पीठिका तैयार करने का काम संतों, आचार्यों, महंतों का