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Gujarat: कृषि कानून पर पीएम मोदी का विपक्ष पर कड़ा प्रहार, कच्छ में दिया ये बड़ा बयान

PM Modi in Gujarat: भूकंप ने भले कच्छ के लोगों के घर गिरा दिए थे, लेकिन इतना बड़ा भूकंप भी यहां के लोगों के मनोबल को नहीं तोड़ पाया। कच्छ के लोग फिर खड़े हुए, आज देखिए कि इस क्षेत्र को उन्होंने कहां से कहां पहुंचा दिया है। आज कच्छ की पहचान बदल गई है।

नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुजरात (Gujarat) के एक दिन के दौरे पर कच्छ (Kutch) पहुंचे। यहां पर पर पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं की शुरुआत की। साथ ही सोलर पार्क की आधारशिला रखी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि गुजरात में खेती के परंपरा को आधुनिकता से जोड़ा गया है। फसलों की विविधता पर फोकस किया गया। कच्छ सहित गुजरात में किसान ज्यादा मांग वाली फसलों की तरफ मुड़ गये। सिर्फ 1.5 दशक में गुजरात में कृषि उत्पादन में 1.5 गुना से ज्यादा वृद्धि हुई है। एक समय था जब गुजरात के लोगों की मांग थी कि कम से कम रात में खाना खाते समय तो बिजली मिल जाए। आज गुजरात देश के उन राज्यों में से है, जहां शहर हो या गांव, 24 घंटे बिजली सुनिश्चित की जाती है। इस दौरान पीएम मोदी ने किसान आंदोलन पर राजनीति करने वाली विपक्षी पार्टियों को एक बार फिर जमकर खरी खोटी सुनाई।

पीएम मोदी ने कहा, आज जो लोग विपक्ष में बैठे हैं और किसानों को गुमराह कर रहे हैं, वही लोग कृषि सुधार के समर्थन में थे। अब जबकि हमने यह ऐतिहासिक कदम उठाया है तो ये लोग किसानों को गुमराह करने में सबसे आगे हैं। मैं किसानों से आह्वान करता हूं कि हमारी सरकार भारत के किसानों के सभी संदेहों को दूर करने के लिए हमेशा तैयार है।

PM Narendra Modi

पीएम मोदी ने कहा, जिन कृषि सुधारों को किया गया है, उनकी मांग किसान निकायों और यहां तक की विपक्षी दलों ने भी की। भारत सरकार हमेशा किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और हम किसानों को आश्वस्त करेंगे, उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि, किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि नए कृषि सुधारों के बाद किसानों की जमीन पर दूसरे कब्जा कर लेंगे। आप बताइए, कोई डेयरी वाला आपसे दूध लेने का कॉन्ट्रेक्ट करता है तो वो आपके पशु ले जाता है क्या? देश पूछ रहा है कि अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे किसानों को फसल बेचने की आजादी क्यों नहीं मिलनी चाहिए। कृषि सुधारों की मांग वर्षों सो की जा रही थी। अनेक किसान संगठन भी पहले से मांग करते थे कि अनाज को कहीं भी बेचने का विकल्प दिया जाए।

पीएम मोदी ने कहा कि भूकंप ने भले कच्छ के लोगों के घर गिरा दिए थे, लेकिन इतना बड़ा भूकंप भी यहां के लोगों के मनोबल को नहीं तोड़ पाया। कच्छ के लोग फिर खड़े हुए, आज देखिए कि इस क्षेत्र को उन्होंने कहां से कहां पहुंचा दिया है। आज कच्छ की पहचान बदल गई है। एक समय कहा जाता था कि कच्छ इतनी दूर है, विकास का नामोनिशान नहीं है। कनेक्टिविटी नहीं है। चुनौती का एक प्रकार से ये दूसरा नाम था। आज स्थिति ऐसी है कि लोग सिफारिश करते हैं कुछ वक्त कच्छ में काम करने के लिए।

PM Narendra Modi

उन्होंने कहा कि, आज कच्छ में भी नई ऊर्जा का संचार हो रहा है। सोचिए, हमारे कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क। जितना बड़ा सिंगापुर व बेहरीन देश है, उतना बड़ा कच्छ में हाईब्रिट रिन्यूएबल पार्क होने वाला है। आज गुजरात और देश के महान सपूत सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की पुण्यतिथि भी है। केवड़िया में उनकी दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा हमें दिन रात एकजुट होकर देश के लिए काम करने की प्रेरणा देती है।