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Parliament Budget Session: ‘नहीं मानोगे तो वो दिन…’,PM मोदी ने शायराना अंदाज में कांग्रेस की लगाई क्लास

Parliament Budget Session: इस कोरोना काल में कांग्रेस ने हद कर दी। पहली लहर के दौरान देश जब लॉकडाउन का पालन कर रहा था, जब WHO दुनिया भर को सलाह देता था, सारे हेल्थ एक्सपर्ट कह रहे थे कि जो जहां है वहीं पर रुके।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए बहस का जवाब दिया। सबसे पहले पीएम मोदी ने स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा, ”देश ने आदरणीय लता दीदी को खो दिया है। इतने लंबे काल तक जिनकी आवाज ने देश को मोहित किया, देश को प्रेरित भी किया, देश को भावनाओं से भर दिया। मैं आज आदरणीय लता जी को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं।” इस दौरान पीएम मोदी का अलग अंदाज भी देखने को मिला। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को शायराना अंदाज में जमकर खरी खोटी सुनाई। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, ”वो जब दिन को रात कहें, तो तुरंत मान जाओ। नहीं मानोगे तो वो दिन में नकाब ओढ़ लेंगे। जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे, वो मगरूर हैं खुद की समझ पर बेइंतहा, इन्हें आईना मत दिखाओ, वो आईने को भी तोड़ देंगे।”

लाइव अपडेट-

2011 में तत्कालीन वित्तमंत्री जी ने लोगों से बेशर्मी के साथ कह दिया था कि महंगाई कम करने के लिए किसी अलादीन के जादू की उम्मीद न करें।

कांग्रेस सरकार के आखिरी 5 साल में, लगभग पूरे कार्यकाल में देश को डबल डिजिट महंगाई की मार झेलनी पड़ी थी। कांग्रेस की नीतियां ऐसी थी कि सरकार खुद मानने लगी थी कि महंगाई उसके नियंत्रण के बाहर है।

मैं जानता हूं कि रक्षा सौदों में कितनी बड़ी ताकतें अच्छे-अच्छों को खरीद लेती थी। ऐसी ताकतों को मोदी ने चुनौती दी है। इसलिए मोदी पर उनका गुस्सा होना भी स्वाभाविक है और ये गुस्सा समय समय पर प्रकट भी होता रहता है।

हमारी सेनाओं की जरूरतों को पूरी करने के अलावा हम एक बड़ा डिफेंस एक्सपोर्टर बनने का सपना लेकर चल रहे हैं। मुझे विश्वास है कि ये संकल्प भी पूरा होगा।

पहले नए इक्विपमेंट खरीदने के लिए वर्षों तक प्रक्रिया चलती थी। जब फाइनल निर्णय होता था, तब तक वो चीज पुरानी हो जाती थी, हम पैसे देते थे। हमनें इन सारी प्रक्रियाओं को आसान बनाया।

जिन्होंने 50 वर्षों तक देश की सरकारें चलाई, मेक इन इंडिया को लेकर उनका क्या रवैया था, इसके लिए सिर्फ डिफेंस सेक्टर को हम देखें तो सारी बातें समझ आती हैं कि वो क्या करते थे, कैसे करते थे, क्यों करते थे और किसके लिए करते थे।

कुछ लोगों को देश के नौजवानों को, देश के एंटरप्रेन्योरश को, देश के वेल्थ क्रिएटर्स को डराने और भयभीत करने में आनंद आता है। लेकिन देश का नौजवान उनकी बातें सुन नहीं रहा है, इसीलिए देश आगे बढ़ रहा है।

केवल सरकारें ही सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकती हैं। 2014 से पहले हमारे देश में सिर्फ 500 स्टार्ट-अप थे, लेकिन पिछले 7 साल में देश में 60 हजार से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। ये हमारे युवाओं की ताकत को दर्शाता।

हमनें गरीब श्रमिकों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत हजारों लाभार्थियों के खातों में हमने सीधे पैसे ट्रांसफर किये।

सैकड़ों वर्षों का गुलामी कालखंड, उसकी जो मानसिकता है, वो आजादी के 75 साल के बाद भी कुछ लोग बदल नहीं पाए। ये गुलामी की मानसिकता किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए बहुत बड़ा संकट होती है।

इतने वर्षों तक देश पर राज करने वाले और महल जैसे घरों में रहने के आदी लोग, छोटे किसान के कल्याण की बात करना भूल गए हैं। भारत की प्रगति के लिए छोटे किसान को सशक्त बनाना जरूरी है। छोटा किसान ही भारत की तरक्की को मजबूत करेगा।

जिस रास्ते पर हम चले आज विश्व के अर्थजगत के सभी ज्ञाता इस बात को मानते हैं कि भारत ने जिस आर्थिक नीतियों को लेकर इस कोरोना काल में अपने आप को आगे बढ़ाया है, वो अपने आप में दुनिया के लिए एक उदाहरण है।

अगर मोदी #Vocal4Local कहता है, तो मोदी ने कहा इन शब्दों को छोड़ दो। लेकिन क्या आप नहीं चाहते कि देश आत्मनिर्भर बनें, जिस महात्मा गांधी के आदर्शों की बात करते हैं, तो इस अभियान को ताकत देने में आपका क्या जाता था। गांधी जी के स्वदेशी के निर्णय को आगे बढाइये।

भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि महामारी के बीच 80 करोड़ से अधिक भारतीयों को मुफ्त राशन मिले। हमारी प्रतिबद्धता है कि कोई भी भारतीय भूखा न रहे।

सदन बात का साक्षी है कि कोरोना से जो स्थितियां उत्पन्न हुई, उससे निपटने के लिए भारत ने जो भी रणनीति बनाई उसको लेकर पहले दिन से क्या-क्या नहीं कहा गया है। दुनिया के और लोगों से बड़ी-बड़ी कांफ्रेंस करके ऐसी बातें बुलवाई गई ताकि पूरे विश्व में भारत बदनाम हो।

आज मेड इन इंडिया कोविड वैक्सीन दुनिया में सबसे प्रभावी है। आज भारत शत प्रतिशत पहली डोज के लक्ष्य के निकट पहुंच रहा है और लगभग 80% सेकंड डोज का पड़ाव भी पूरा कर लिया है।

इस कोरोना काल में कांग्रेस ने हद कर दी। पहली लहर के दौरान देश जब लॉकडाउन का पालन कर रहा था, जब WHO दुनिया भर को सलाह देता था, सारे हेल्थ एक्सपर्ट कह रहे थे कि जो जहां है वहीं पर रुके।

तब कांग्रेस के लोगों ने मुंबई के रेलवे स्टेशन पर खड़े रहकर मुंबई के श्रमिकों को जाने के लिए उनको टिकट दिया गया, लोगों को जाने के लिए प्रेरित किया गया।

नागालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1998 में कांग्रेस के लिए वोट किया था, करीब 24 साल हो गए। ओडिशा ने 1995 में आपके लिए वोट किया था, सिर्फ 27 साल हुए आपको वहां एंट्री नहीं मिली। गोवा में 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ आप जीते थे, 28 साल से गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया।

दुर्भाग्य ये है कि आपमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है। देश की जनता आपको पहचान गई है, कुछ लोग पहले पहचान गए, कुछ लोग अब पहचान रहे हैं और कुछ लोग आने वाले समय में पहचानने वाले हैं।

PM Narendra Modi

पहले गैस कनेक्शन स्टेटस सिंबल हुआ करता था। अब गरीब से गरीब व्यक्ति तक इसकी पहुंच है और यह बहुत खुशी की बात है।

इस परिपेक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव अपने आप में एक प्रेरक अवसर है। उस प्रेरक अवसर और नए संकल्पों को लेकर देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हम पूरे सामर्थ्य से,पूरी शक्ति से, पूरे संकल्प से देश को उच्चतम स्तर पर लेकर पहुंचेंगे।

कोरोना काल के बाद विश्व एक नए वर्ल्ड आर्डर की तरफ,नई व्यवस्थाओं की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक ऐसा turning point है कि हम लोगों को एक भारत के रूप में इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए।