गोरखपुर। नाथ पंथ के विश्व विख्यात गोरखनाथ मंदिर का प्रसिद्ध मकर संक्रांति मेला (खिचड़ी मेला) इस बार कोविड प्रोटोकॉल के साथ आयोजित होगा। दूरदर्शन व आकाशवाणी के जरिए मेले का सजीव प्रसारण किया जाएगा ताकि अधिकाधिक लोग मेले में वर्चुअल सहभागी हो सकें। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनेक्सी भवन में मकर संक्रान्ति की तैयारी के संबंध में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत मकर संक्रान्ति मेले की सभी तैयारी की जाए। मेले में सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन्स के अनुसार सभी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की जाए जिससे मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा एवं व्यवस्था उपलब्ध कराया जा सके।
उन्होंने कहा कि मेले भीड़ को नियंत्रित करने तथा सुरक्षा आदि की तैयारी पुलिस प्रशासन सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि मेले के समय वाहन पार्किंग स्थल में खड़े हों, वाहन स्टैण्ड पर प्रकाश एंव साफ सफाई की व्यवस्था हो। मुख्यमंत्री ने जंगल कौड़िया-मोहद्दीपुर के कार्यों को 10 जनवरी तक पूर्ण करने निर्देश दिया। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अण्डरग्राउंड केबलिंग के कार्य को 20 दिसम्बर तक पूर्ण करने के साथ ही जर्जर पोलों/तारों को भी ठीक करें। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जंगल कौड़िया-मोहद्दीपुर फोरलेन के निर्माण कार्य के दृष्टिगत आस पास के मुहल्लों में जलजमाव की समस्या न हो इसके लिए व्यापक प्रबंध सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देशित किया कि जनपद में साफ सफाई एवं स्वच्छता बेहतर की जाये।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर निर्देश दिये कि मेला क्षेत्र में पर्याप्त स्थायी एवं अस्थायी प्रकाश व्यवस्था करायें और पर्याप्त संख्या में अलाव जलवाने की व्यवस्था की जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण तथा पीडब्ल्यूडी तथा नगर निगम राष्ट्रीय राजमार्ग तथा अन्य सड़कों को भी ठीक करायें जिससे मार्ग परिवर्तित करने पर यात्रियों को सुविधा होगी।
गोरखनाथ मंदिर में आंवले के पेड़ के नीचे सीएम योगी ने किया भोजन
दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर पहुंच कर आंवले के पेड़ के नीचे भोजन कर एकादशी व्रत का पारायण किया। कार्तिक शुक्ल एकादशी का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्रत रहते हैं। अगले दिन आंवले के पेड़ के नीचे पारायण करते हैं।
भारतीय सनातन संस्कृति का अनुपालन करते हुए उन्होंने सांसद रवि किशन शुक्ला, विधायक विपिन सिंह समेत मंदिर परिवार के सदस्यों एवं श्रद्धालुओं के साथ मठ के कार्यालय के सामने बने बगीचे में आंवले के पेड़ के नीचे पारण किया। मान्यता है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठने और भोजन करने से समस्त रोगों का नाश होता है।