गोरखपुर। पीएम नरेंद्र मोदी आज एक बार फिर पूर्वांचल के दौरे पर आने वाले हैं। वो इस इलाके के महत्वपूर्ण शहरों में शामिल और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर आएंगे। गोरखपुर में पीएम मोदी पूर्वांचल को 10000 करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे। इन सौगात में शानदार एम्स और खाद कारखाने के अलावा आईसीएमआर की रीजनल लैब हैं। गोरखपुर में इससे पहले पूर्वांचल के लोग बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आते थे। आज पीएम के हाथों एम्स के लोकार्पण के बाद उन्हें विश्वस्तरीय इलाज की सुविधा मिलने जा रही है। योगी ने एम्स के लिए 2004 से मांग करनी शुरू की थी। 22 जुलाई 2016 को पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया था।
गोरखपुर एम्स को करीब 1400 करोड़ की लागत से बनाया गया है। यहां 24 फरवरी 2019 से ओपीडी चल रही है। 750 बेड वाले एम्स में 14 ऑपरेशन थियेटर बनाए गए हैं। इनमें जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया की मशीनें लगाई गई हैं। 112 एकड़ में फैले एम्स गोरखपुर में एमबीबीएस का दूसरा बैच भी अभी चल रहा है। इसके चालू होने से सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं, बिहार के भी तमाम लोगों को बीमारियों का इलाज कराने के लिए दिल्ली के एम्स तक नहीं जाना होगा। गोरखपुर एम्स में ओपीडी और भर्ती होकर इलाज कराने के लिए तारीख लेने की समस्या भी नहीं होगी। एक एप के जरिए सारा काम होगा।
इसके अलावा पीएम मोदी गोरखपुर में ही करीब 31 साल से बंद पड़े खाद कारखाने का भी लोकार्पण करेंगे। इस कारखाने में गैस से नीम कोटेड खाद बनेगी। इसे बनाने में करीब 8000 करोड़ की लागत आई है। यहां हर साल 12.7 मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया बनेगी। सैकड़ों लोगों को कारखाने में रोजगार भी मिलेगा। गोरखपुर का खाद कारखाना वैसे तो 1964 में बना था, लेकिन 1989 में एक कर्मचारी की मौत के बाद कर्मचारियों ने हड़ताल की। जिसके बाद कारखाने को बंद कर दिया गया था। योगी ने इस कारखाने को दोबारा शुरू कराने के लिए लंबी जंग लड़ी। फिर 22 जुलाई 2016 को पीएम मोदी ने इसका भी शिलान्यास किया था। जापान की टोयो कंपनी ने इसे अत्याधुनिक बनया है। यहां का प्रीलिंग टावर कुतुबमीनार से भी ऊंचा है। खाद कारखाने में हर रोज 2200 मीट्रिक टन लिक्विड अमोनिया भी बन सकेगी।