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Drugs Case: चुनाव रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर के लिए नई मुसीबत, टीम का सदस्य गोवा में ड्रग्स के साथ गिरफ्तार

प्रशांत किशोर साल 2014 में नरेंद्र मोदी के कैंपेन की कमान पहली बार संभाली थी। लोकसभा चुनाव में मोदी और बीजेपी की जबरदस्त जीत हुई। जिसके कुछ दिन बाद प्रशांत किशोर का बीजेपी से मनमुटाव हो गया और वो तब बीजेपी से अलग जेडीयू के पाले में चले गए। उन्हें नीतीश कुमार ने राज्य में मंत्री का दर्जा भी दे दिया।

पणजी। चुनाव की रणनीति बनाकर चर्चा में आए प्रशांत किशोर उर्फ पीके की किस्मत आजकल कुछ अच्छी नहीं चल रही है। हाल ही में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी से उनकी ठन गई। अब प्रशांत की कंपनी आईपैक की टीम का एक सदस्य गोवा में ड्रग्स के साथ पकड़ा गया है। उत्तरी गोवा के डीएसपी विश्वास खारपे ने बताया कि सुकूर इलाके में प्रशांत किशोर की टीम के सदस्य 8 विला में रुके हुए हैं। पुलिस ने जानकारी मिलने पर इन विला में छापा मारा। एक विला में गांजा बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आईपैक के कर्मचारी 28 साल के विकास नागल को गिरफ्तार किया गया है। नागल मूल रूप से हरियाणा का निवासी है और गोवा में आईपैक के लिए काम कर रहा था।

prashant kishore and mamata

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस मामले की जांच दो दिशाओं में चल रही है। पहला तो ये कि ड्रग्स कहां से खरीदे गए और क्या टीम के अन्य सदस्य भी ड्रग ले रहे थे। सूत्रों के मुताबिक ये मामला काफी संवेदनशील है और देखा जा रहा है कि ड्रग्स केस के तार कहां तक जुड़े हैं। इस मामले के अब राजनीतिक रंग भी लेने की संभावना है क्योंकि आईपैक की टीम ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के लिए गोवा चुनावों में काम करती रही है। अब ये आरोप टीएमसी पर लग सकता है कि वो वोट हासिल करने के लिए ड्रग्स का सहारा ले रही है।

PRASHANT KISHORE

प्रशांत किशोर साल 2014 में नरेंद्र मोदी के कैंपेन की कमान पहली बार संभाली थी। लोकसभा चुनाव में मोदी और बीजेपी की जबरदस्त जीत हुई। जिसके कुछ दिन बाद प्रशांत किशोर का बीजेपी से मनमुटाव हो गया और वो तब बीजेपी से अलग जेडीयू के पाले में चले गए। उन्हें नीतीश कुमार ने राज्य में मंत्री का दर्जा भी दे दिया। फिर नीतीश से गठजोड़ टूटा, तो पीके पंजाब पहुंच गए। वहां तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के वो सलाहकार बन गए। फिर पंजाब से नाता टूटा और प्रशांत ने कांग्रेस में जाने की कोशिश की, लेकिन नाकामी हाथ लगी। जिसके बाद वो ममता बनर्जी से जुड़े और अब उनसे भी पीके का मनमुटाव हो गया है।